शिमला: हिमाचल प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बुधवार को धूप खिली है. जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर में भी मौसम के साफ रहने से लोगों को दिन के समय ठण्ड से राहत मिली है. हालांकि रात के समय कड़ाके की ठण्ड जारी है और पारे के माइनस में होने से प्राकृतिक जलस्रोत जम गए हैं. विख्यात हिल्स स्टेशन मनाली के पारे में भी गिरावट जारी है और यह शून्य के करीब पहुंच गया है.
मौसम विभाग ने आगामी तीन दिन मौसम के साफ रहने की संभावना जताई है. इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आएगा और पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है. मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सोबित कटियार ने बुधवार को बताया कि अगले तीन दिन मौसम के साफ रहने के बाद आठ, नौ व 10 दिसंबर को उच्च पर्वतीय इलाकों के अलावा मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं बर्फबारी होने का अनुमान है. छह जिलों लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, चंबा, मंडी और शिमला जिलों में बर्फ गिरने की संभावना बनी हुई है. शिमला, मंडी और कांगड़ा जिलों के उंचाई वाले इलाकों में बर्फ गिरेगी. जबकि अन्य हिस्सों में मौसम के साफ रहने के आसार हैं.
मनाली और शिमला में मौसम का अलग मिजाज
ठंड और बर्फ के लिए अपनी खास पहचान रखने वाले हिल्स स्टेशनों मनाली और शिमला में मौसम का मिजाज बिल्कुल अलग है. मनाली में जहां पारा लगातार गिर रहा है, वहीं शिमला में ठंड का ज्यादा असर नहीं है और यहां न्यूनतम तापमान सामान्य से करीब अढ़ाई डिग्री अधिक दर्ज किया जा रहा है. खास बात यह है कि राज्य के मैदानी इलाकों में शिमला से ज्यादा ठंड है. बुधवार को मनाली में न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. शिमला में न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि मैदानी क्षेत्रों की बात करें तो उना में न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री, कांगड़ा में 5.2 डिग्री, मंडी में 5.4 डिग्री, बिलासपुर में 5.6 डिग्री, पालमपुर में 5 डिग्री, बरठीं में 3.5 डिग्री और देहरा गोपीपुर में आठ डिग्री सेल्सियस रहा.
जनजातीय क्षेत्रों का माइसन में पारा
उधर जनजातीय क्षेत्रों में भीषण शीतलहर है. लाहौल-स्पीति और किन्नौर में पिछले कई दिनों से पारा माइनस में बना हुआ है. लाहौल-स्पीति के ताबो में न्यूनतम तापमान -6.4 डिग्री, कुकुमसेरी में -6.3 डिग्री व समधो में -3.5 डिग्री सेल्सियस रहा. किन्नौर के कल्पा में पारा -0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अन्य शहरों की बात करें तो भुंतर में 1 डिग्री, सुंदरनगर में 3.8 डिग्री और भरमौर में 4 डिग्री सेल्सियस रहा.
मैदानों में बारिश न होने से शूष्क ठंड का प्रकोप
हिमाचल प्रदेश के मैदानी व मध्यवर्ती क्षेत्रों में पिछले दो माह से अधिक समय से बारिश नहीं हुई है. मानसून के बाद हिमाचल में न के बराबर बारिश हुई है. नवंबर माह में सामान्य से 99 प्रतिशत कम बारिश कम दर्ज की गई है. नवंबर महीने में हिमाचल प्रदेश में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है. सामान्य तौर पर 19 दशमलव 7 मिलीमीटर बारिश नवंबर माह में होती है जो कि 99 प्रतिशत कम है. इससे पहले 2016 में भी नवंबर माह में शुष्क ठंड का दौर देखने को मिला था. बादलों के न बरसने से कई जिलों में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है. पेयजल परियोजनाओं में जलस्तर लगातार गिर रहा है और गेहूं की बिजाई लगातार प्रभावित हो रही है.
हिन्दुस्थान समाचार