शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में हुए दंगे, पथराव, गोलीकांड, आगजनी और लूटपाट पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की गूंज लोकसभा में भी सुनाई दी है, जिससे दो दिनों से सदन का कामकाज ठप है. उन्होंने इन हिंसक घटनाओं को देश के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
शांता कुमार ने गुरूवार काे एक बयान जारी करते हुए सरकार से अपील की कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विज्ञान और नई तकनीक का सहारा लिया जाए. उन्होंने सुझाव दिया कि गैरकानूनी तरीके से भीड़ के इकट्ठा होने को रोका जाए और कानून तोड़ने वालों पर ऐसी गोली चलाई जाए जो कमर से नीचे चोट पहुंचाए, जिससे व्यक्ति भागने को मजबूर हो जाए, लेकिन जान जाने की नौबत न आए.
उन्होंने भीड़ के मनोविज्ञान पर चर्चा करते हुए कहा कि भीड़ में एक अच्छा व्यक्ति भी गलत कदम उठा सकता है. अगर भीड़ को समय रहते रोका जाए, तो आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं रुक सकती हैं.
शांता कुमार ने अपने निजी अनुभव का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके घर के बगीचे में बंदरों को फल नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए एयरगन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे बंदर घायल होकर भाग जाते हैं लेकिन उनकी जान नहीं जाती. उन्होंने ऐसे (संभल) दंगों को नियंत्रित करने के लिए एक बेहतर तकनीक के रूप में इस्तेमाल करने का सुझाव दिया.
उन्होंने देश के गृहमंत्री से आग्रह किया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएं और नई तकनीकों के उपयोग से भीड़ को इकट्ठा होने से रोका जाए. उन्होंने कहा कि यदि भीड़ को समय रहते रोका गया, तो हिंसा और आगजनी जैसी घटनाओं पर स्वतः लगाम लग जाएगी.
हिन्दुस्थान समाचार