महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 4 दिन बाद भी मुख्यमंत्री कौन होगा.यह तय नहीं हो पाया है. महायुती के तीनों घटक दल बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी में सीएम फेस को लेकर मंथन चल रहा है. इसी बीच शिवसेना के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने खुद को सीएम की रेस से बाहर बताया. शिंदे ने कहा कि पीएम मोदी जो भी फैसला करेंगे. वो उन्हें मंजूर होगा. शिंदे ने कहा कि हमेशा अमित शाह और पीएम मोदी ने मेरा साथ दिया है. मुझे सीएम बनाया. मैं उनका शुक्रगुजार हूं.
NDA में कोई मतभेद नहीं- शिंदे
एकनाथ शिंदे ने कहा, “केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बहुत आगे बढ़ेंगे और निश्चित रूप से महायुति की सरकार स्थापित होगी. कल मैंने पीएम से भी बात की है मैंने कहा कि सरकार बनाने में हमारी तरफ से कोई अड़चन नहीं है. आप निर्णय लीजिए, बीजेपी जो अंतिम निर्णय लेगा उस निर्णय की तामिल हो जाएगी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता जो मुख्यमंत्री पद के बारे में निर्णय लेंगे और बीजेपी का जो उम्मीदवार होगा उसको हमारा पूरा समर्थन होगा.”
एकनाथ शिंदे ने कहा, “मैंने हमेशा एक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया है. मैंने कभी खुद को मुख्यमंत्री नहीं माना. CM का मतलब कॉमन मैन होता है, मैंने यही सोचकर काम किया. हमें लोगों के लिए काम करना चाहिए.” शिंदे ने कहा कि इलेक्शन के समय हमारे कार्यकर्ता सुबह 5 बजे तक काम करते थे. सभी का धन्यवाद. वही एकनाथ शिंदे ने कहा मैंने हमेशा राज्य की बेहतरी के लिए काम किया है. महाराष्ट्र की लाडली बहनों का मैं लाडला भाई हूं.
चुनाव के बाद सीएम पद के लेकर खींचतान
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है. एकनाथ शिंदे , देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार तीनों के ही समर्थक अपने नेता को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं. बता दें कल बीजेपी हाईकमान की एनडीए के तीनों घटक दलों के नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक है. इस बैठक में सीएम के नाम पर मुहर लग सकती है और महाराष्ट्र के सियासी हालात को लेकर आगे के लिए रणनीति पर चर्चा हो सकती है.
महाराष्ट्र चुनाव में महायुती को मिली थी प्रचंड जीत
महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव हुए थे और 23 नवंबर को मतगणना हुई. नतीजों में महायुती ने बाजी मार ली. इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया. शिदें की शिवसेना ने 57 और अजीत पवार की एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं हैं. वहीं महाविकास अघाड़ी गठबंधन इस चुनाव में बुरी तरह से हार गया. उद्धव गुट को 20, कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी महज 10 सीटों पर सिमट गई.