सोलन: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बद्दी स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, प्रवर्तन अधिकारी और एक निजी सलाहकार सहित तीन लोगों को 10 लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार करते हुए गिरफ्तार किया. यह रिश्वत 5 लाख रुपये नकद और 5 लाख रुपये के “सेल्फ चेक” के रूप में ली जा रही थी.
सीबीआई ने शिकायत के आधार पर बीते 24 नवंबर को मामला दर्ज किया. शिकायतकर्ता के अनुसार प्रवर्तन अधिकारी ने ईपीएफओ में लंबित उनके फर्म के पीएफ मामले को अनुकूल तरीके से निपटाने के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी. आरोप है कि इस राशि में से एक हिस्सा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के लिए भी था. साथ ही धमकी दी गई थी कि अगर यह रकम नहीं दी गई तो 45-50 लाख रुपये की वसूली की जाएगी.
सीबीआई ने जाल बिछाकर निजी सलाहकार को प्रवर्तन अधिकारी और क्षेत्रीय आयुक्त की ओर से शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगते और स्वीकारते हुए रंगे हाथों पकड़ा. ट्रैप की कार्रवाई के दौरान, क्षेत्रीय आयुक्त और प्रवर्तन अधिकारी की भूमिका भी सामने आई, जिसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
सीबीआई ने बद्दी, शिमला, और चंडीगढ़ में आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर छापेमारी की. चंडीगढ़ में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के परिसर से 23.5 लाख रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों को आज शिमला में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया. सीबीआई के अनुसार मामले की जांच अभी जारी है.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: Himachal Assembly Winter Session 2024: हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 से 21 दिसंबर तक, स्पीकर ने दी जानकारी