हमीरपुर: हमीरपुर में भाजपा नेता राजिंदर राणा, विधायक इंदर दत्त लखनपाल और विधायक आशीष शर्मा ने आज एक संयुक्त पत्रकार वार्ता आयोजित कर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनकी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए.
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने नादौन के एक व्यक्ति ज्ञानचंद को फायदा देने के लिए आपदा के समय क्रेशर चलाने की अनुमति दी. उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रदेश में सभी क्रेशर बंद कर दिए गए थे, तो केवल ज्ञानचंद के क्रेशर को ही कैसे चलने की अनुमति दी गई. भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में अवैध खनन हुआ है और प्रदेश भर में चर्चा है कि ज्ञानचंद के संबंध बड़े नेताओं से हैं.
राजिंदर राणा ने मुख्यमंत्री सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अपने ही भार से गिरने वाली है और 2025 में हिमाचल प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार बनेगी. उन्होंने प्रदेश सरकार की नीतियों को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 6 सीपीएस की नियुक्ति अवैध तरीके से की है और ये सभी “ऑफिस ऑफ प्रॉफिट” के दायरे में आते हैं.
भाजपा नेताओं ने इस बात का भी जिक्र किया कि हाई कोर्ट ने दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को नीलाम करने के आदेश दिए हैं. राणा ने इसे हिमाचल के सम्मान के खिलाफ करार दिया और कहा कि ्रयह शर्म की बात है कि आज हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दिया गया है.
राजिंदर राणा ने मुख्यमंत्री के पत्नी के दबाव में आकर देहरा में मुख्यमंत्री कार्यालय खोलने पर भी सवाल उठाए और कहा कि भाजपा को इससे कोई एतराज नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह हर विधानसभा क्षेत्र में ऐसा कार्यालय खोलें ताकि लोगों को अधिक सुविधाएं मिल सकें.
इसके अतिरिक्त राणा ने आरोप लगाया कि शिमला के फागु क्षेत्र के डुकाटी इलाके में मंत्री और उनके मित्रों के नाम पर एक भूमि खरीदी गई है जहां सरकार के खजाने से करोड़ों रुपये की लागत से सड़क और रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जा रहा है जबकि वहां कोई आबादी नहीं है.
उन्होंने जल शक्ति विभाग की योजनाओं के तहत लोगों से ली गई भूमि के मुआवजे का मुद्दा भी उठाया और कहा कि मुख्यमंत्री के परिवार के लोगों को 18 लाख रुपये से ज्यादा का मुआवजा मिला है, जबकि आम लोगों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है.
हिन्दुस्थान समाचार
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