मुंबई/नई दिल्ली: विदेशी स्वामित्व वाली भारत की तीसरी सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी विस्तारा की फ्लाइट सोमवार को अपने गंतव्य के लिए आखिरी उड़ान भरेगी. विस्तारा आज के बाद टाटा की अगुवाई वाली एअर इंडिया में शामिल हो जाएगी. इसके साथ ही तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन क्षेत्र में पूर्ण सेवा देने वाली एयरलाइंस की संख्या पिछले 17 वर्षों में पांच से घटकर अब सिर्फ एक रह जाएगी.
विस्तारा के सभी फ्लाइट्स का ऑपरेशन 12 नवंबर से एअर इंडिया करेगी. इसके लिए टिकट की बुकिंग भी एअर इंडिया के वेबसाइट से होगी. एअर इंडिया समूह में शामिल होने से पहले विस्तारा एयरलाइन की फ्लाइटों को उड़ान भरने का आज आखिरी दिन है. इस विलय के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों के उदारीकरण के बाद बनी एक विदेशी एयरलाइन के संयुक्त स्वामित्व वाली एक और कंपनी अवसान हो जाएगा.
विस्तारा ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट किए एक बयान में कहा कि, ‘ जैसे-जैसे विमान ऊपर चढ़ता है, वैसे-वैसे हमारे सपने भी ऊपर उठते हैं. आइए भविष्य की ओर बढ़ें, जहां आकाश सीमा नहीं, बल्कि सिर्फ़ शुरुआत है, जब क्लब विस्तारा एअर इंडिया फ्लाइंग रिटर्न्स के साथ मिलकर महाराजा क्लब बन रहा है तो नए साइन-अप सहित आपके खाते तक पहुंच 11 नवंबर को 6 बजे आईएसटी से 12 नवंबर, 2024 को 2 बजे आईएसटी तक अस्थायी रूप से अनुपलब्ध रहेगी. आपकी समझ और सहयोग के लिए धन्यवाद, क्योंकि हम आपको दोनों दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देने के लिए दोनों लॉयल्टी कार्यक्रमों को मिला रहे हैं.’
सीसीआई ने इसे सितंबर 2023 में दी थी मंजूरी
एअर इंडिया और विस्तारा की विलय पर नवंबर 2022 में साइन हुई थी. भारतीय रेगुलेटर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इसे सितंबर 2023 में मंजूरी दी थी. इस मर्जर के बाद मार्केट शेयर के लिहाज से एअर इंडिया समूह इंडिगो के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी डोमेस्टिक एयरलाइन और सबसे बड़ी इंटरनेशनल एयरलाइन बन गई है. इस मर्जर के पूरा होने पर एअर इंडिया फुल-सर्विस और लो-कॉस्ट वाली पैसेंजर सर्विस दोनों को ऑपरेट करने वाला एकमात्र भारतीय एयरलाइन समूह होगा.
एअर इंडिया के पायलटों में है नाराजगी
एअर इंडिया और विस्तारा के विलय से पहले एअर इंडिया के पायलटों का एक तबका टाटा समूह के स्वामित्व वाली दोनों एयरलाइंस के पायलटों के लिए सेवानिवृत्ति की अलग-अलग आयु सीमा को लेकर नाराज है. वर्ष 2022 की शुरुआत में टाटा के स्वामित्व में आई एअर इंडिया के पायलटों और दूसरे कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 साल है. वहीं, टाटा समूह की ही दूसरी एयरलाइन विस्तारा में यह सीमा 60 वर्ष है. दरअसल एअर इंडिया के पायलटों के एक वर्ग में नाराजगी बढ़ रही है, क्योंकि प्रबंधन ने अभी तक विलय के बाद बनी इकाई के लिए एक समान सेवानिवृत्ति आयु तय नहीं की है.
विस्तारा का 2012 में हुआ था जन्म
विदेशी स्वामित्व वाली विस्तारा में 49 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली सिंगापुर एयरलाइंस के पास विलय के बाद एअर इंडिया में सिर्फ 25.1 फीसदी हिस्सेदारी रह जाएगी. साल 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने विदेशी एयरलाइंस को एक घरेलू एयरलाइन में 49 फीसदी तक की हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी थी. इसके बाद अब बंद हो चुकी जेट एयरवेज में खाड़ी क्षेत्र की एयरलाइन एतिहाद ने 24 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की और दूसरी ओर एयरएशिया इंडिया और विस्तारा का जन्म हुआ.
डूब गईं कई भारतीय विमानन कंपनियां
विस्तारा पिछले 10 वर्षों में परिचालन शुरू करने वाली एकमात्र पूर्ण सेवा वाला वायुयान भी है. वर्ष 2007 में पूर्ण सेवा वाहक (एफएससी) इंडियन एयरलाइंस के एअर इंडिया के साथ विलय के बाद से कम से कम पांच एफएससी ने भारत में शुरुआत की. हालांकि, समय के साथ किंगफिशर और एयर सहारा गायब हो गए. किंगफिशर 2012 में बंद हो गई, जबकि एयर सहारा का जेट एयरवेज ने अधिग्रहण किया. इसका नाम बदलकर जेटलाइट कर दिया गया. ये 2019 में जेट एयरवेज के साथ डूब गई.
उल्लेखनीय है कि सिंगापुर एयरलाइंस 12 नवंबर को विस्तारा के विलय के बाद टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया में 3,194.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी. इस विलय समझौते की घोषणा 29 नवंबर, 2022 को की गई थी, जो 11 नवंबर, 2024 को पूरा होने जा रहा है. इस विलय की वजह से सिंगापुर एयरलाइंस के पास विस्तारित एअर इंडिया में हिस्सेदारी घटकर 25.1 फीसदी रह जाएगी. एअर इंडिया (एअर इंडिया एक्सप्रेस और एयर एशिया इंडिया सहित) और विस्तारा के पास टोटल 218 वाइडबॉडी और नैरोबॉडी एयरक्राफ्ट्स हैं, जो 38 इंटरनेशनल और 52 घरेल उड़ान के लिए सर्विस देते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार