शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला रही है, जिसके सकारात्मक परिवर्तन सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने छह हजार अध्यापकों के पद स्वीकृत किए गए हैं. इनमें तीन हजार अध्यापकों को बैचवाइज नियुक्ति दे दी गई है और तीन हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है.
मुख्यमंत्री ने सोमवार को सिरमौर जिले के पच्छाद में एक जनसभा में कहा कि वर्तमान सरकार नए संस्थान खोलने की बजाए पहले से खोले गए संस्थानों में अधोसंरचना तथा स्टाफ नियुक्त करने को प्राथमिकता दी रही है ताकि बच्चों को सरकारी स्कूलों में बेहतर एवं गुणात्मक शिक्षा दी जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है और अनेक सुधारों के परिणामस्वरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को राज्य सरकार वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर तथा वर्ष 2032 तक सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं और मक्की की फसल को क्रमशः 40 और 30 रुपये प्रति किलो के दाम पर खरीदा जा रहा है. गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 32 से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का 47 से 55 रुपये प्रति लीटर किया गया है. मनरेगा की दिहाड़ी को बढ़कार 300 रुपये किया गया है.
जनसभा में सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ल्वासा चौकी से चण्ड़ीगढ़ सड़क को चौड़ा करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि भूरेश्वर महादेव क्षेत्र को इको टूरिज्म की दृष्टिगत से विकसित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की आर्थिकी मजबूत होगी तथा क्षेत्र के लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे.इससे पहले मुख्यमंत्री ने पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के तहत भूरेश्वर महादेव मंदिर में शीश नवाया और मेले का शुभारंभ किया. उन्होंने मंदिर परिसर में भगवान शिव की नई प्रतिमा का अनावरण भी किया और और वन वाटिका भूरेश्वर तथा क्वागधार हैलीपैड का भी लोकार्पण किया.
हिन्दुस्थान समाचार
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