शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की चारों सीट पर करारी हार और निष्क्रिय चल रहे कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों पर कांग्रेस हाइकमान ने बड़ा एक्शन लिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस की प्रदेश कमेटी, जिला अध्यक्ष और ब्लॉक कमेटियों को भंग कर दिया है, हालांकि प्रतिभा सिंह कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनी रहेंगी. अब नए सिरे से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस कमेटी का गठन होगा, जिसमें सक्रिय और ऊर्जावान लोगों को जगह दी जाएगी.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने गुरूवार को शिमला में पत्रकार वार्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ बातचीत के बाद पार्टी हाईकमान से निष्क्रिय चल रही कार्यकारिणी को भंग करने का आग्रह किया गया था. इस पर हाईकमान ने प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया है. अब जल्दी ही सभी कांग्रेस नेताओं व सभी वर्गों के कार्यकर्ताओ से बातचीत कर नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा.
एक सवाल के जवाब में प्रतिभा सिंह ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में किसी भी तरह की गुटबाजी नहीं है और इसे लेकर विपक्षी भाजपा के आरोप बेबुनियाद हैं. प्रतिभा सिंह ने कहा कि वह एक व्यक्ति और एक पद की पक्षधर हैं और नई कार्यकारिणी में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
नई कार्यकारिणी में सभी धड़ों को जगह देना अध्यक्ष प्रतिभा के लिए चुनौती
सुक्खू सरकार के दो साल का कार्यकाल अगले महीने 11 दिसंबर को पूरा हो रहा है. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस भी नए रंग में नजर आएगी. संगठन में नए चेहरों को जगह मिलना तय है. खास बात यह है कि नई कार्यकारिणी में कांग्रेस के सभी धड़ों को अधिमान देना प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के लिए चुनौती भरा रहेगा. सरकार व संगठन में सामंजस्य बैठाने के लिए भी हाईकमान से लेकर सीएम सुक्खू व अध्यक्ष प्रतिभा को खुब माथापच्ची करनी होगी. नई कार्यकारिणी में निष्क्रिय रहने वाले पदाधिकारियों पर निश्चित तौर पर गाज गिरेगी.
दरअसल कांग्रेस सरकार बनने के बाद संगठन की गतिविधियों में कई पदाधिकारियों की उपस्थिति नाममात्र रह गई थी. इसे देखते हुए प्रतिभा सिंह ने पूरी कार्यकारिणी को भंग करने की मांग की थी. सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने व भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को युवा, अनुभवनी व सक्रिय पदाधिकारियों की जरूरत है. ऐसे में नई कार्यकारिणी में जमीन से जुड़े नेताओं को जगह मिलना तय है.
बता दें कि प्रतिभा सिंह पिछले करीब अढ़ाई साल से अध्यक्ष पद पर काबिज हैं. वह छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं. उनके नेतृत्व में कांग्रेस को हिमाचल की सत्ता पर काबिज होने में कामयाबी मिली. हालांकि इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा था. लोस चुनाव के नतीजों के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन में बड़े फेरबदल की संभावना जताई जा रही थी.
हिन्दुस्थान समाचार
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