शिमला: आस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित 67वें राष्ट्रमण्डल संसदीय सम्मेलन को हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने सम्बोधित किया. यह सम्मेलन 3 से 8 नवंबर तक सिडनी के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में हो रहा है जिसमें दुनिया भर से सैंकड़ों जनप्रतिनिधि, विशेष रूप से पीठासीन और उप-पीठासीन अधिकारी भाग ले रहे हैं. सम्मेलन में विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार भी उपस्थित थे.
कुलदीप पठानियां ने सम्मेलन के पहले सत्र में “बेंचमार्किंग, मानक और दिशा निर्देशों के माध्यम से संसद की संस्था को मजबूत करना” विषय पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि सर्वोतम प्रथाओं को अपनाने से संसद की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा मिलता है. उन्होंने विशेष रूप से अध्यक्ष या सभापति की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि संसदीय प्रणाली में उनके पास महत्वपूर्ण शक्तियां और जिम्मेदारियां होती हैं.
पठानियां ने भारत और आस्ट्रेलिया की राजनीतिक संस्कृति के बीच अंतर को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारत में बहुदलीय व्यवस्था के कारण गठबंधन की राजनीति आवश्यक होती है जबकि ऑस्ट्रेलिया में आम तौर पर दो-दलीय व्यवस्था देखी जाती है, जिससे स्थिर शासन बनता है.
उन्होंने जनप्रतिनिधियों के लिए बैंचमार्किंग मानकों के महत्व पर भी जोर दिया, खासकर सदन के भीतर विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता को लेकर. उन्होंने बताया कि सदन में जनप्रतिनिधि को अपने विचार रखने की पूरी आज़ादी है और इसके लिए कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है, हालांकि सदन के बाहर कानून के नियम लागू होते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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