Anti-Terror Conference 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को आतंकवाद निरोधी सम्मेलन-2024 में कहा कि केंद्र जल्द ही राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक नीति और रणनीति जारी करेगा. उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है लेकिन आतंकवाद कोई क्षेत्रीय सीमा नहीं जानता.
केंद्रीय गृह मंत्री ने दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि गृह मंत्रालय ने आतंकवाद, आतंकवादियों और आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र से लड़ने के लिए जो सक्रिय दृष्टिकोण बनाया है, हम उसमें अगला कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, “हम कुछ महीनों में एक राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति लेकर आएंगे लेकिन जैसा कि मैंने कहा, पुलिस राज्य का विषय है और लड़ाई राज्य पुलिस को ही करनी होगी. सूचना देने से लेकर कार्रवाई करने तक केंद्रीय सभी एजेंसियां आपका साथ देंगी.”
शाह ने कहा कि इतने बड़े देश में कानून और व्यवस्था को केंद्र नहीं संभाल सकता. जहां तक आतंकवाद से निपटने का सवाल है, राज्यों की अपनी सीमाएं हैं. राज्यों की भौगोलिक सीमाएं भी हैं, संवैधानिक सीमाएं भी हैं लेकिन आंतकवाद और आतंकवादियों की कोई सीमाएं नहीं हैं. वो अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र भी करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ यदि हमें सटीक तरीके से रणनीति बनानी है तो एनआईए का उपयोग करके इस प्रकार के सम्मेलनों के माध्यम से आतंकवाद, नारकोटिक्स, हवाला और देश की सीमा, अर्थतंत्र और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों के खिलाफ लड़ने का मजबूत तंत्र बनाना होगा.
केंद्रीय एजेंसियों द्वारा आरडीएक्स पकड़े जाने की खबरों को मीडिया में तरजीह नहीं दिये जाने पर शाह ने कहा कि जब आरडीएक्स बरामद होता है, तो उसे केवल दो कॉलम की जगह भी नहीं मिलती है लेकिन जब उसी आरडीएक्स से बने बम फटते हैं तो मीडिया में कई दिनों तक व्यापक कवरेज होती है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के 75 साल बीत चुके हैं. अब तक देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा बनाए रखने के लिए 36,468 पुलिस कर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. शाह ने उन सभी को श्रद्धांजलि दी.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के 10 साल के भीतर भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति अपनाई. आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के उनके आह्वान को आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है. भारत के अंदर आतंकवाद से लड़ने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार हुआ है. हालांकि, अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है.
अमित शाह ने कहा कि आतंकवादी हमले और उनकी साजिशें सीमाहीन और अदृश्य तरीके से हमारे खिलाफ हैं. अगर हमें इससे सटीक तरीके से निपटना है तो हमारे युवा अधिकारियों को उच्चतम तकनीक से लैस करना होगा, उन्हें प्रशिक्षित करना होगा. हम आने वाले दिनों में इसे प्रशिक्षण का अहम हिस्सा बनाएंगे.
दो दिवसीय इस सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), गृह मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है. सम्मेलन में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, आतंकवाद-रोधी मुद्दों से निपटने वाली केंद्रीय एजेंसियों व विभागों के अधिकारी और कानून, फोरेंसिक, प्रौद्योगिकी आदि जैसे संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं.
हिन्दुस्थान समाचार