शिमला: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स आधार पर सेवारत वोकेशनल शिक्षक धरने पर हैं और प्रदेश सरकार से सरकारी उपक्रमों के तहत नियुक्ति दिए जाने की मांग कर रहे हैं. वोकेशनल शिक्षकों का आउटसोर्स कंपनियों पर वेतन में अनियमिताएं बरतने और विभाग के निर्देशों के बावजूद समय पर एरियर का भुगतान न करने का आरोप है. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने समय पर एरियर का भुगतान न करने वाली कंपनी के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है. साथ ही वोकेशनल शिक्षकों को सरकारी उपक्रम के तहत भर्ती देने के मामले में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की वित्तीय बाध्यताएं हैं. देश के ज़्यादातर राज्यों में कंपनियों के माध्यम से वोकेशनल शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है. विभाग का वोकेशनल शिक्षकों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण है.
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पिछले महीने सरकार ने वोकेशनल टीचर के वेतन में इजाफा करने का निर्णय लिया था. पहले चरण में नियुक्ति पाने वाले वोकेशनल टीचर्स के वेतन में 2000 और दूसरे फेस में नियुक्ति पाने वालों को 1000 का इज़ाफ़ा दिया गया.
उन्होंने कहा कि वोकेशनल शिक्षक एरियर की बात गलत बता रहे हैं 17 कंपनियों के माध्यम से इन अध्यापकों को नियुक्ति दी गई है जिसमें से 16 कंपनियों ने अपना एरियर चुका दिया था. केवल एक कंपनी को एरियर देने में देरी हुई. वोकेशनल शिक्षकों की मुख्य मांग है की सरकारी उपक्रम के तहत उन्हें नियुक्ति दी जाए को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा प्रदेश देश भर में एक आधे राज्य को छोड़कर सभी राज्यों में वोकेशनल टीचर कंपनियों के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की वोकेशनल शिक्षकों के प्रति पॉजिटिव एप्रोच है मगर सरकार की अपनी वित्तीय बाध्यताएं हैं. इसके अलावा अन्य कई पहलू भी हैं. आने वाले दिनों में भी सरकार सकारात्मक होकर हर संभव प्रयास करेगी.
हिन्दुस्थान समाचार