पीएम मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने आज गुजरात के वड़ेदरा में TATA Aircraft Complex का उद्घाटन किया. इसमें C-295 ट्रांसपोर्ट विमान बनाए जाएंगे. यह परियोजना टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) परिसर में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और एयरबस स्पेन के बीच एक सहयोग है. इस प्रोजेक्ट तहत, कुल 56 विमानों का उत्पादन किया जाएगा, जिनमें से 16 स्पेन में बनेंगे, जबकि बाकी बचे 40 का निर्माण भारत में किया जाएगा.
इससे पहले फरवरी में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने परियोजना के लिए प्रारंभिक मसौदे को मंजूरी दी थी. इस प्रस्ताव में अतिरिक्त 15 सी295 विमान शामिल थे, जिनमें नौ नौसेना के लिए और छह तटरक्षक बल के लिए थे. C295MW मॉडल एक बहुमुखी परिवहन विमान है, जिसकी भार क्षमता यह एक बार में अधिकतम 9250 किलो वजन है. इसकी लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट और ऊंचाई 28.5 फीट है.
इसमें 73 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स या 12 स्ट्रेचर इंटेसिव केयर मेडवैक या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मेडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं. C-295 विमान को दो लोग उड़ाते हैं. C-295 एयरक्राफ्ट में 7650 लीटर फ्यूल आ सकता है. 295 एयरक्राफ्ट अधिकतम 482 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है. ये अधिकतम 13,533 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. सकी रेंज 1277 से 4587 और फेरी रेंज 5 हजार km है.
ये सिर्फ 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे से ही उड़ान भर सकता है. इसके इतर 420 मीटर का रनवे पर ही ये एयरक्राफ्ट उतर जाएगा. इसमें छह हार्डप्वाइंट्स होते हैं. यानी हथियार और बचाव प्रणाली लगाने की जगह. दोनों विंग्स के नीचे तीन-तीन. या फिर इनबोर्ड पाइलॉन्स हो सकते हैं. जिसमें 800 kg के हथियार लगाए जा सकते हैं. टाटा ने पिछले साल नवंबर से ही सी295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू है. विमानों की मेन कॉन्स्टीट्यूंट एसेंबली फिलहाल हैदराबाद में है.
हैदराबाद में इसके कई पार्ट्स लगेंगे. टाटा की हैदराबाद फैसिलिटी एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों को फैब्रिकेट करेगी. इसके बाद इन विमानों को वडोदरा भेजा जाएगा. वडोदरा इन विमानों को आखिरी बार तैयार किया जाएगा. इसमें इंजन लगाया जाएगा, विमान इलेक्ट्रॉनिक्स सेट होगा और पूरी तरह से तैयार करने के बाद इसे वायुसेना के हवाले कर दिया जाएगा. ये 32 नबंर का स्वदेशी विमान होगा. फिलहाल इसका उपयोग दो दर्जन देशों में हो रहा है.
भारतीय वायुसेना को उन विमानों की बहुत जरुरत है जो सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को एक जगह से दूसरी जगह पहुचा सकें. ये काम C295 करेगा. ये कम वजन के ट्रांसपोर्टेशन में मदद करेगा. ये वायुसेना के पुराने HS748 एवरोस विमानों की जगह लेगा.