शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने डोडरा-क्वार में रात्रि विश्राम कर एक नया इतिहास रच दिया है. इस क्षेत्र को दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राज्य का ‘काला पानी’ कहा जाता है. राज्य के गठन के बाद से कई मुख्यमंत्रियों का दौरा देख चुका है, लेकिन किसी ने भी यहां रात बिताने का साहस नहीं किया.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने डोडरा-क्वार से ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री ने यहां सेवानिवृत्त शिक्षक हरदयाल खेपन के घर पर ही रात्रि विश्राम किया. मुख्यमंत्री ने स्थानीय परंपराओं के बारे में जानने के लिए आग के पास बैठकर परिवार के सदस्यों से बातचीत की. उन्होंने स्थानीय बोली में ‘घ्याना’ का अर्थ पूछा, जो सर्दियों में शादियों के दौरान आग जलाने की परंपरा को दर्शाता है.
डोडरा-क्वार की हमारी बहनों ने अपने पारंपरिक गीतों से एक अनोखा जादू बिखेर दिया। उनकी मधुर आवाज़ों ने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया।
हिमाचल की संस्कृति और परंपरा गांवों में गहराई से बसी हुई है। यहां हर गीत एक कहानी कहता है और हर रस्म में हमारे पूर्वजों की विरासत की महक बसी है। pic.twitter.com/VqpGfL0cpr
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) October 26, 2024
मुख्यमंत्री ने यहां रात के खाने के दौरान लगभग आठ ग्रामीण महिलाओं के तैयार किए गए पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लिया. उन्हें बेटू, कोदा, फाफरे की रोटी, सिड्डू, ओगला, चेंऊं और स्थानीय राजमा की दाल परोसी गई. स्थानीय मिठाई लिमडी ने रात्रि भोज को खास बना दिया. महिलाओं ने मुख्यमंत्री के आगमन पर पारंपरिक गीत ‘लामण’ गाकर उनका स्वागत किया.
हरदयाल की बेटी और प्रशिक्षित जेबीटी शिक्षिका पल्लवी ने मुख्यमंत्री का मेजबान बनने पर खुशी व्यक्त की. उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है. हमने इस यादगार क्षण को जीवनभर संजोए रखने के लिए मुख्यमंत्री के साथ तस्वीरें भी लीं.” रविवार की सुबह मुख्यमंत्री ने स्थानीय महिला मंडल के साथ नाश्ता किया, जहां उन्हें शहद के साथ घर का बना सिड्डू परोसा गया. स्वयं सहायता समूह की सदस्य भारता देवी और अनीता ने कहा, “मुख्यमंत्री की मेज़बानी करना हमारे लिए गर्व की बात है. हमें अपने जीवन में ऐसा अवसर पहले कभी नहीं मिला.” मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का यह ऐतिहासिक रात्रि विश्राम डोडरा-क्वार के लोगों के लिए एक यादगार क्षण बन गया है.
हिन्दुस्थान समाचार