मंडी: बरसात के मौसम में मंडी जिला में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए आज एक अंतर मंत्रालयीय केंद्रीय दल ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. प्रारंभिक तौर पर जिला में लगभग 213 करोड़ 22 लाख रुपए का नुकसान आंका गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव मिहिर कुमार के नेतृत्व में आए इस आठ सदस्यीय दल ने द्रंग विधानसभा क्षेत्र की चौहार घाटी में स्थित राजबन (तेरंग) और मंडी जिला मुख्यालय के समीप मट्ट व वमाणु गांव का जायजा लिया. दल के सदस्यों ने राजबन में प्रभावित परिवारों से बातचीत की.
इसके बाद उपायुक्त कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में केंद्रीय दल ने संबंधित विभागों और जिला प्रशासन से नुकसान के बारे में चर्चा की. मिहिर कुमार ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने से नुकसान की स्थिति स्पष्ट हो जाती है, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में जहां प्राकृतिक आपदाएं आम जनता के लिए मुश्किलें बढ़ा देती हैं.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बरसात के मौसम में हुए नुकसान पर एक प्रस्तुतिकरण दिया. उन्होंने बताया कि चौहार घाटी के राजबन गांव में बादल फटने से 10 लोगों की जान गई, जिनमें से 9 के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि एक अभी भी लापता है. देवगन ने केंद्रीय दल से अनुरोध किया कि राहत मैनुअल के अनुसार लापता लोगों को उचित मुआवजा प्रदान करने में विशेष छूट दी जाए.
उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक लगभग 130.47 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि जल शक्ति विभाग को भी लगभग 68.24 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है. उन्होंने केंद्रीय दल से सुझाव दिया कि सीवरेज व्यवस्था को भी नुकसान मुआवजे में शामिल किया जाए, क्योंकि इससे जलजनित रोगों का खतरा बढ़ता है.
उपायुक्त ने जिला में विभिन्न विभागों को हुए नुकसान का भी उल्लेख किया, जिसमें राजस्व विभाग को 2.93 करोड़, राज्य विद्युत बोर्ड को 1.55 करोड़, शिक्षा विभाग को 1.67 करोड़ और कृषि विभाग को 1.02 करोड़ रुपए का नुकसान शामिल है. कुल मिलाकर, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को मिलाकर नुकसान का अनुमान 213.22 करोड़ रुपए है, जिसमें 51 कीमती मानव जीवन भी खो गए हैं.
उपायुक्त ने केंद्रीय दल से उदारता पूर्वक विचार करते हुए हर संभव सहायता प्रदान करने का आग्रह किया.
हिन्दुस्थान समाचार