धर्मशाला: राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि राज्य सरकार पौंग बांध के विस्थापितों के लंबित मामलों के समाधान के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है. उन्होंने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में पौंग बांध विस्थापित, राहत एवं पुनर्वास समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी.
मंत्री ने बताया कि जिन विस्थापितों को राजस्थान में अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है, उनके मामलों को सचिव जल संसाधन मंत्रालय की अध्यक्षता में गठित हाईपावर कमेटी के समक्ष रखा गया है. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में मुरब्बों से वंचित विस्थापितों को राजस्थान में नियमों के अनुसार जमीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी. इसके लिए राज्य के अधिकारियों का एक दल बीकानेर में भूमि निरीक्षण के लिए भेजा जाएगा.
राजगोत द्वारा विस्थापितों की कानूनी लड़ाई में भी मदद की जाएगी ताकि उन्हें उनके हक मिल सकें. हर महीने राजस्थान के राजस्व अधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं, और विस्थापितों की समस्याओं के निपटारे के लिए एक सब कमेटी भी गठित की जाएगी.
राजस्व मंत्री ने कहा कि पारदर्शिता के लिए विस्थापितों का रिकॉर्ड गूगल शीट पर तैयार किया गया है, जिससे विस्थापितों को उनकी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके. यह रिकॉर्ड राजस्थान सरकार के साथ भी साझा किया गया है.
इस अवसर पर उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि वर्तमान सरकार पौंग विस्थापितों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों के तहत राहत एवं पुनर्वास समिति की बैठक आयोजित की जा रही है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने जानकारी दी कि पौंग डैम बनने से कांगड़ा जिले के विभिन्न उपमंडलों में 20,722 परिवार प्रभावित हुए थे, जिनमें से 16,352 को जमीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है. अभी 6,736 प्रभावित परिवारों को जमीन उपलब्ध कराने के मामले लंबित हैं.
हिन्दुस्थान समाचार