शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जोगिन्द्रनगर विधानसभा क्षेत्र में ऊहल परियोजना के तृतीय चरण का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि इस परियोजना का विद्युत उत्पादन जनवरी 2025 तक शुरू होने की संभावना है और इसे पूरा करने के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने मौके पर ही इस परियोजना की सॉवरन गारंटी के रूप में 85 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि स्वीकृत करने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व मार्च 2024 में इस परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की जा चुकी है. सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले कई सालों से इस परियोजना का कार्य चल रहा है, जिसके कारण इसकी लागत में वृद्धि हुई है. वर्तमान सरकार ने इस परियोजना के कार्यों को गति प्रदान की है. उन्होंने गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए टाटा पावर लिमिटेड को थर्ड पार्टी क्वालिटी कंट्रोल के तहत दायित्व सौंपा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के शुरू होने से हिमाचल प्रदेश को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी. उन्होंने परियोजना प्रबंधकों को समयबद्धता से कार्य पूरा करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि विद्युत उत्पादन ही हिमाचल प्रदेश की समृद्धि का आधार है और सरकार इसके दोहन के लिए ठोस कदम उठा रही है. प्रदेश को वर्ष 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के उद्देश्य से पन विद्युत, सौर ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार अनुदान के रूप में विद्युत बोर्ड को लगभग 2200 करोड़ रुपये दे रही है और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं. ऊर्जा उत्पादन से जुड़े कार्यों के लिए संबंधित अधिकारियों को शक्तियों के हस्तांतरण पर भी विचार चल रहा है.
हिन्दुस्थान समाचार