शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिला मंडी के जोगिन्द्रनगर विधानसभा क्षेत्र में 76.31 करोड़ रुपये लागत की आठ परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास किये. मुख्यमंत्री ने 23.90 करोड़ रुपये की लागत से मिनी सचिवालय जोगिन्द्रनगर में नवनिर्मित भवन बी और डी ब्लॉक का लोकार्पण भी किया.
उन्होंने 10.50 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय महाविद्यालय जोगिन्द्रनगर में नवनिर्मित सभागार, 8 करोड़ रुपये की लागत से जोगिन्द्रनगर-सरकाघाट-घुमारवीं सड़क पर रणा खड्ड पर बने पुल और ग्राम पंचायत पसल व सगनेहड़ में 3.70 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पेयजल योजना का उद्घाटन किया. सुक्खू ने जोगिन्द्रनगर में 13.66 करोड़ रुपये की लागत से ग्राम पंचायत ढेलू, निचला गरोडु, दारट बगला इत्यादि क्षेत्रों के लिए पुरानी पेयजल आपूर्ति योजना के सुधारीकरण व विस्तारीकरण के कार्य का शिलान्यास किया. उन्होंने 7.10 करोड़ रुपये से गांव डोल में तथा 7.21 करोड़ रुपए की लागत से डोल नाला, छो नाला और गदयाड़ा नाला में तटीयकरण परियोजना की आधारशिला रखी. उन्होंने 2.24 करोड़ रुपये की लागत से सरोहली-सुक्कड खड्ड पर बनने वाले पुल का भूमि पूजन भी किया.
उन्होंने मंडी जिला की बेटियों के सशक्तिकरण के लिए देई 2.0 कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और सात बच्चियों को सम्मानित किया. उन्हें 10-10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी.
जोगिन्द्रनगर के मेला ग्राउंड पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जोगिन्द्रनगर विधानसभा क्षेत्र में 32 सड़कों के निर्माण के लिए राज्य सरकार पूरी धनराशि देगी. उन्होंने कहा कि जोगिन्द्रनगर अस्पताल में सेवाएं सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी. साथ ही चिकित्सकों और नर्सों के लिए आवास निर्माण किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मकरेड़ी स्कूल का नया भवन बनाया जाएगा और जोगिन्द्रनगर आईटीआई में नए ट्रेड शुरू किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने भरमेरा-बनोग में पुल के निर्माण और छम्ब कुठेहड़ा बड्डू सड़क के साथ-साथ बेली ब्रिज बनाने की घोषणा भी की. उन्होंने महिला मंडलों को 20-20 हजार रुपये देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा वर्तमान राज्य सरकार की नीतियों से हिमाचल प्रदेश अपने पांव पर खड़ा होने लगा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कड़े फैसले ले रही है, जिसका लाभ प्रदेशवासियों को मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं और मक्की की फसल क्रमशः 40 रुपये और 30 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद रही है. गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 32 से बढ़ाकर 45 और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 47 से बढ़ाकर 55 रुपये किया गया है.
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