शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार की विदेश में युवाओं को रोजगार के अवसर देने की पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को बताया कि इस योजना के अंतर्गत पांच युवाओं का पहला बैच अपनी नई भूमिका के लिए सऊदी अरब पहुंच गया है. इन युवाओं को बीते 31 अगस्त को शिमला में नियुक्तिपत्र सौंपे गए थे.
सऊदी अरब पहुंचे पांच युवकों के इस बैच में ऊना जिले के रजत कुमार, सुनील कुमार, जसप्रीत सिंह और अभिनव के साथ-साथ जिला हमीरपुर के दिनेश शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने दुबई स्थित ईएफएस फैसिलिटीज सर्विसेज ग्रुप लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिसंबर 2023 में उनकी दुबई यात्रा के बाद ईएफएस ने विदेश भर्ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हिमाचल से 15-20 प्रतिशत भर्तियां करने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत, आतिथ्य, तकनीकी सेवाओं, हाउसकीपिंग, खाद्य और पेय पदार्थ तथा कार्यालय सहायक जैसे क्षेत्रों में प्रतिवर्ष लगभग एक हजार उम्मीदवारों को दुबई में रोजगार दिया जाएगा. इसके अलावा, श्रम एवं रोजगार विभाग को विदेश में कार्य कर रहे युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र विकसित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. यह कदम प्रदेश सरकार की युवाओं की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि पिछले 20 महीनों में सरकारी क्षेत्र में 31 हजार पद सृजित किए गए हैं. सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना भी शुरू की है, जिससे राज्य के युवा अपने उद्यम स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें.
उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य के युवा न केवल विदेश में रोजगार के अवसर प्राप्त करेंगे, बल्कि एजेंटों के शोषण से भी बचेंगे. मुख्यमंत्री ने भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर देने की दिशा में सकारात्मक दृष्टिकोण से काम करने की प्रतिबद्धता जताई.
हिन्दुस्थान समाचार
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