शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा शनिवार को धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया. शहर में जगह-जगह राबण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन हुआ. रावण दहन को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. उपनगर समरहिल में सबसे उंचे 55 फूट रावण का पुतला जलाया गया. यहां मेघनाद का 45 फूट उंचा और कुंभकर्ण का 50 फूट और पुतला जलाया गया. शिमला के संकटमोचन, बालूगंज, भटाकुफर सहित अन्य स्थानों में भी रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया.
शिमला शहर की सबसे उंची चोटी जाखू स्थित हनुमान मंदिर के परिसर में आयोजित दशहरा उत्सव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिरकत की और उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर रावण के 45 फूट उंचे पुतले, मेघनाद का 40 फुट ऊंचा और कंुभर्कण के 35 फुट ऊंचे पुतले को आग लगाकर जलाया. पुतला दहन से पहले यहां आकर्षक आतिशबाजी की गई. इस अवसर पर बड़ी तादाद में सैलानी भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दशहरा उत्सव की शुभकामनाएं दीं.
उन्होंने दशहरे के शुभ अवसर पर श्री हनुमान मंदिर जाखू में पूजा-अर्चना की और प्रदेश की समृद्धि के लिए प्रार्थना की. इस बार नवरात्र से पहले ही जाखू मंदिर को बेहद खूबसूरती के साथ सजाया गयंा था. शनिवार को दशहरे के मौके पर मंदिर के कपाट सुबह चार बजे खुल गए थे. इसके साथ ही यहां पूजा-अर्चना हुई और दिनभर भक्तों के लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया. दशहरे पर जाखू मंदिर तक पहुंचाने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम की ओर से विशेष टैक्सियां चलाई गईं.
हिन्दुस्थान समाचार