शारदीय नवरात्रि: शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन को महाअष्टमी भी कहते हैं. मां दुर्गा के नौ रुपों में महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है.
इस स्वरूप को कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान करने वाली, समृद्धि और सुख का वरदान देने वाला माना जाता है. मान्यता है कि मां की पूजा-अर्चना से सुख-शांति, यश, वैभव और मान-सम्मान प्राप्त होता है. गुरुवार को मां दुर्गा के साधक पंडित मनोज मिश्रा ने बताया कि महाअष्टमी के दिन महागौरी की पूजा होती है. वह भगवान शिव की अर्धांगिनी है, इसलिए उनकी उपासना से महादेव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
सुंदर, अति गौर वर्ण होने के कारण इन्हें महागौरी भी कहा जाता है. महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं. समस्त पापों का नाश होता है. सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती और हर मनोकामना पूर्ण होती है. मान्यता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा को विशेष भोग भी लगाया जाना चाहिए. यदि ये भोग मां दुर्गा को नहीं लगे तो नवरात्र को पर्व अधूरा माना जाता है. पंडित मनोज मिश्रा ने कहा कि महाअष्टमी तिथि की शुरुआत दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से होगी और 11 अक्टूबर को 12 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी. उन्होंने बताया कि महागौरी की पूजा के लिए भक्तों को बह्म मुहूर्त में उठकर स्नान से निवृत्त होना चाहिए. सफेद रंग के वस्त्र पहनकर घर के मंदिर को साफ कर गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए.
हिन्दुस्थान समाचार