Sunday, June 1, 2025
No Result
View All Result
Nav Himachal

Latest News

पहलगाम आंतकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर से लेकर PM मोदी के संबोधन तक, जानें पूरी टाइमलाइन

‘हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा’, PM मोदी ने आदमपुर से आतंक को दिया कड़ा संदेश

CBSE12वीं के नतीजे घोषित, लड़कियों ने मारी बाजी, 88.39 प्रतिशत विद्यार्थी पास

PM मोदी ने आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन का किया दौरा, जवानों को सफल ऑपरेशन की बधाई दी

IPL 2025 का बदला हुआ शेड्यूल जारी, 17 मई से फिर शुरू होगा टूर्नामेंट, 3 जून को फाइनल

  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Business
    • Legal
    • History
    • Viral Videos
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
Nav Himachal
  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Business
    • Legal
    • History
    • Viral Videos
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
No Result
View All Result
Nav Himachal
No Result
View All Result

Latest News

पहलगाम आंतकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर से लेकर PM मोदी के संबोधन तक, जानें पूरी टाइमलाइन

‘हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा’, PM मोदी ने आदमपुर से आतंक को दिया कड़ा संदेश

CBSE12वीं के नतीजे घोषित, लड़कियों ने मारी बाजी, 88.39 प्रतिशत विद्यार्थी पास

PM मोदी ने आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन का किया दौरा, जवानों को सफल ऑपरेशन की बधाई दी

IPL 2025 का बदला हुआ शेड्यूल जारी, 17 मई से फिर शुरू होगा टूर्नामेंट, 3 जून को फाइनल

  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
  • लाइफस्टाइल
Home Opinion

World Post Day 2024 (Opinion): कहां खो गई चिट्ठी-पत्री

अब इंटरनेट, फोन व मोबाइल के इस युग में पत्र लेखन की परंपरा धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही. एक वो मनमोहक दौर था जब अपनों के पास चिट्ठियां भेजी जाती थीं और उसके जवाब के लिए बेसब्री से इंतजार किया जाता था. गेट पर डाकिया को देखकर मन खुश हो जाता था.

Yenakshi Yadav by Yenakshi Yadav
Oct 9, 2024, 04:42 pm GMT+0530
World Post Day 2024

World Post Day 2024

FacebookTwitterWhatsAppTelegram

World Post Day 2024: डीजे के कानफोड़ू शोर में ‘चिट्ठी आई है-आई है चिट्ठी आई, बड़े दिनों के बाद..’, ‘संदेशे आते हैं, हमें तरसाते हैं..’, ‘खत लिख दे सांवरियां के नाम बाबू..’, ‘ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर कि तुम नाराज न होना..’, ‘फूल तुम्हें भेजा है खत में..’, ‘डाकिया डाक लाया..’, ‘लिखे जो खत तुझे..’, ‘चांद नजरों में मुस्कुराया है, मेरे खत..’ आदि गीतों की अब प्रासंगिकता धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है. संचार क्रांति के इस युग में अब नहीं आती कहीं से भी अपनों की चिट्ठी-पत्री. बदलते दौर में घर से जाते समय अब कोई नहीं कहता कि पहुंचते ही चिट्ठी लिखना. यह स्थिति डराने वाली है. हालांकि राष्ट्रीय डाक-तार दिवस (09 अक्टूबर) पर फिर चिट्ठियों के संकल्प लिए जाएंगे. दिवस की अगली सुबह लोग फिर इस संकल्प को भूल जाएंगे. यह दुखद है कि नई पीढ़ी पत्र लेखन की कला से कोसो दूर है. वास्तव में नई पीढ़ी यह भी नहीं जानती कि डाकिया भी कोई होता है. चैटिंग के इस जमाने में न ही उसे पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र व लिफाफे की जानकारी है.

अब इंटरनेट, फोन व मोबाइल के इस युग में पत्र लेखन की परंपरा धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही. एक वो मनमोहक दौर था जब अपनों के पास चिट्ठियां भेजी जाती थीं और उसके जवाब के लिए बेसब्री से इंतजार किया जाता था. गेट पर डाकिया को देखकर मन खुश हो जाता था. संचार क्रांति ने अब लगभग चिट्ठी लिखने की परंपरा को समाप्त कर दिया है. बरसों पूर्व घर से बाहर जाते समय कहा जाता था कि पहुंचते ही पत्र लिखना. अब कहां कोई कहता है. अब कहा जाता है पहुंचकर कॉल करना.

उस दौर में जब शादी के लिए किसी लड़की को देखने जाया जाता था तो उससे चिट्ठी लिखवायी जाती थी. स्कूल में बच्चों को दोस्त, पिता, भाई आदि के पास पत्र लिखने को आता था. साथ ही परीक्षा में डाकिया पर निबंध भी आता था. लेकिन अब यह सब वक्त के साथ-साथ अब धीरे-धीरे समाप्त होता जा है. आज के बच्चे अब पत्र लेखन की परंपरा को नहीं जानते हैं. न ही वह डाकिया, पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र के बारे में कुछ भी जानते हैं. नए जमाने के प्रेमी-प्रमिका भी अपने दिल की बात चिट्ठी से नहीं इंस्टा मैसेज से करते और न ही एक-दूसरे तक प्रेम की पाती को पहुंचाने के लिए कागज-कलम की जरूरत उन्हें होती है. एक वो दौर था जब पत्रों की अहमियत होती थी. उस समय लोग गर्व से कहते थे-‘ये मेरे दादा की चिट्ठी है. मेरे दादा जी ने मेरे पास ये लिखा था. उनकी ऐसी सुन्दर लिखावट थी. ये फलां की चिट्ठी है….’ लेकिन आज के युग में अब हमारे पास वैसी कोई भी अनमोल चीज नहीं जिसे भविष्य में किसी को कुछ दिखाया जा सके.

सालों पहले परदेश में रह रहे पिया की चिट्ठी का इंतजार हो या जम्मू-कश्मीर में सीमा की चौकसी कर रहे पुत्र का पिता को मनीआर्डर, सबको चिठ्ठी ही दिलासा देती थी, यह सब संचार क्रांति से बीते दिनों की बात हो गई. आज इंटरनेट के इस युग में पल-पल की खबर मोबाइल के जरिये सैकड़ों मील दूर अपने नाते-रिश्तेदारों के पास पहुंच रही है. इसी तरह इंटरनेट के ग्रामीण क्षेत्र में विस्तार से पलभर के भीतर रुपया उसके चाहने वाले के खाते में पहुंच रहा है. हमारी हिंदी फिल्मों के गाने जैसे फूल तुम्हें भेजा है खत में या मैंने खत महबूब के नाम लिखा.. लोगों को चिट्ठी की महत्ता समझाते थे. पुराने दिनों में गांवों में 15 दिन से लेकर तीन माह तक चिट्ठी आना सामान्य बात थी. चिट्ठियों के उस जमाने में तार के माध्यम से घर की अच्छी-बुरी खबर को भी घर आने तक हफ्तों लग जाते थे. फिर भी उन दिनों आसल-कुशल जानने के यही उचित माध्यम थे. वो भी एक दौर था जब लोग चिट्ठियों को वर्षों तक सहेजकर रखते थे. पोस्टमैन गांव में आने पर ग्रामीण बिना चिट्ठी के भी अपने स्वजन की कुशल पोस्टमैन से पूछ लेते थे. लेकिन अब मोबाइल की गांव-गांव पहुंच से बच्चे से लेकर बूढ़े तक यहा तक की अनपढ़ महिलाएं मिस्ड कॉल के माध्यम से अपने चाहने वाले से बिना पैसा खर्च किए बात कर ले रहे हैं.

अब ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित बैंकों के सीबीएस के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ने से मिनटों में भेजने वाले का पैसा उसे लेने वाले खाताधारक के पास पहुंच जा रहा है. स्कूल-कालेजों में गुरुजनों द्वारा पत्र लिखने के प्रकार भी अब कोर्स से गायब हो गए हैं. इनकी जगह कक्षा-कक्षों में कम्प्यूटरों ने ले ली है. हालांकि इस तकनीक का पूर्ण ज्ञान पुराने जमाने के अध्यापकों को न होने से प्राथमिक विद्यालय से लेकर डिग्री कालेजों तक सरकार द्वारा दिए गए यह कम्प्यूटर केवल कक्षा-कक्ष की शोभा बढ़ा रहे हैं. बहरहाल इस सबके बावजूद इस तकनीक ने ग्रामीण क्षेत्रों में एक क्रांति ला दी है. बड़े बुजुर्गो तक का मानना है कि मोबाइल एवं इंटरनेट से सूचना के क्षेत्र में भारत ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है.

हमारी डाक सेवाओं ने यह बदलने में मदद की है कि कैसे लोग एक-दूसरे के साथ कठोर तरीके से संवाद करते हैं. हालांकि, इंटरनेट के दिनों से पहले, लोगों को मेल के संबंध में अंतरराष्ट्रीय नीतियों के कारण एक-दूसरे को पत्र और पैकेज प्राप्त करने में वास्तव में कठिन समय लगता था. विश्व डाक दिवस यहां लोगों को यह याद दिलाने के लिए है कि कैसे डाक सेवाएं सभी के लिए आसान हो गईं जब दुनिया भर के देशों ने आखिरकार एक समझौते पर पहुंच गए, जो मेल को संसाधित करने के तरीके के बारे में सब कुछ बदल देगा. विश्व डाक दिवस का उद्देश्य लोगों को इस बारे में शिक्षित करना है कि कैसे दुनिया भर के डाक कार्यालयों ने वैश्विक संचार को आगे बढ़ाने में मदद की है और सभी को एक-दूसरे से और अधिक जोड़ा है.

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन 1874 में शुरू हुआ जब इसे बर्न की संधि द्वारा डाक नीतियों को स्थापित करने में मदद करने के लिए स्थापित किया गया था. बर्न की संधि एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का परिणाम थी, जिसे स्विस सरकार द्वारा आयोजित किया गया था, ताकि अलग-अलग डाक नियमों को एकीकृत किया जा सके ताकि मेल का स्वतंत्र रूप से आदान-प्रदान किया जा सके. जबकि नीतियों को अद्यतन करने में मदद करने के लिए संधि में कई बार संशोधन किया गया है, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन ने एक सार्वभौमिक फ्लैट दर स्थापित करने में मदद की है जिस पर मेल दुनिया में कहीं भी भेजा जा सकता है. इसने डाक वाहकों को यात्रा करते समय कई देशों में अधिकार बनाए रखने में मदद की, और प्रत्येक देश को अर्जित धन को बनाए रखने की अनुमति दी.

विश्व डाक दिवस इस संधि को मनाता है, क्योंकि इसने अब लोगों को मेल भेजने और प्राप्त करने के तरीके को आकार देने में मदद की है. इस दिन को मनाने के लिए लोग समय निकाल कर किसी प्रियजन, परिवार के किसी सदस्य या किसी करीबी को मेल भेजते हैं. यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन में, वे आर्थिक स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण के बारे में चर्चा सहित सभी के लिए मेल को बेहतर अनुभव बनाने के लिए अपनी पहल की दिशा में काम करते हैं. इंडिया पोस्ट भारत की केंद्रीय डाक प्रणाली है, इसकी स्थापना पहली अप्रैल 1854 को हुई थी. यह भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत काम करता है. भारत की डाक प्रणाली दुनिया में व्यापक रूप से वितरित नेटवर्क में से एक है.

भारत को मुख्य डाकपाल की अध्यक्षता में 23 डाक मंडलों में विभाजित किया गया है. इंडियन पोस्ट फिलेटली, आर्मी पोस्टल सर्विस, इलेक्ट्रॉनिक इंडियन पोस्टल ऑर्डर, पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस, पोस्टल सेविंग्स, बैंकिंग, डेटा कलेक्शन, ई-कॉमर्स और रेलवे में अपनी सेवाएं प्रदान करता है. डाक टिकटों का उपयोग डाक और सेवाओं के लिए किया जाता है. भारत में विभिन्न विषयों के साथ विभिन्न प्रकार के टिकटों का उत्पादन किया जाता है. एशिया में पहला डाक टिकट भारत में जुलाई 1852 में बार्टले फ्रेरे द्वारा जारी किया गया था. पोस्टल इंडेक्स नंबर 15 अगस्त 1972 को जारी पोस्ट ऑफिस का 6 अंकों का कोड है. कुल 9 पिन क्षेत्रों में से आठ पिन भौगोलिक क्षेत्र हैं और एक आर्मी पोस्टल सर्विस के लिए आरक्षित है.

प्रियंका सौरभ

(लेखिका, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं.)

हिन्दुस्थान समाचार

Tags: OpinionWorld Post DayWorld Post Day 2024
ShareTweetSendShare

RelatedNews

(Opinion) बुद्ध पूर्णिमा विशेष: महात्मा बुद्ध दया – करुणा और मानवता के पक्षधर
Opinion

(Opinion) बुद्ध पूर्णिमा विशेष: महात्मा बुद्ध दया – करुणा और मानवता के पक्षधर

Opinion: आतंक पर भारत का सटीक प्रहार
Opinion

Opinion: आतंक पर भारत का सटीक प्रहार

ऑपरेशन सिंदूरः बदला हुआ भारत, बदला लेना जानता है
Opinion

ऑपरेशन सिंदूरः बदला हुआ भारत, बदला लेना जानता है

पंचायती राज दिवस विशेष: विकसित भारत की नींव में गांव और युवाओं की भूमिका
Latest News

पंचायती राज दिवस विशेष: विकसित भारत की नींव में गांव और युवाओं की भूमिका

Opinion: होली खेलें पर सावधानी के साथ
Latest News

Opinion: होली खेलें पर सावधानी के साथ

Latest News

न किसी ने देखा चेहरा, न किसी ने सुनी आवाज…जानिए 2022 से अब तक पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने कितने आतंकी किए ढेर

न किसी ने देखा चेहरा, न किसी ने सुनी आवाज…जानिए 2022 से अब तक पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने कितने आतंकी किए ढेर

पहलगाम आंतकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर से लेकर PM मोदी के संबोधन तक, जानें पूरी टाइमलाइन

पहलगाम आंतकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर से लेकर PM मोदी के संबोधन तक, जानें पूरी टाइमलाइन

‘हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा’, PM मोदी ने आदमपुर से आतंक को दिया कड़ा संदेश

‘हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा’, PM मोदी ने आदमपुर से आतंक को दिया कड़ा संदेश

CBSE12वीं के नतीजे घोषित, लड़कियों ने मारी बाजी, 88.39 प्रतिशत विद्यार्थी पास

CBSE12वीं के नतीजे घोषित, लड़कियों ने मारी बाजी, 88.39 प्रतिशत विद्यार्थी पास

PM मोदी ने आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन का किया दौरा, जवानों को सफल ऑपरेशन की बधाई दी

PM मोदी ने आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन का किया दौरा, जवानों को सफल ऑपरेशन की बधाई दी

IPL 2025 का बदला हुआ शेड्यूल जारी, 17 मई से फिर शुरू होगा टूर्नामेंट, 3 जून को फाइनल

IPL 2025 का बदला हुआ शेड्यूल जारी, 17 मई से फिर शुरू होगा टूर्नामेंट, 3 जून को फाइनल

हर्षवर्धन चौहान ने की 23 करोड़ की संपर्क सड़क योजना की शुरुआत, हजारों को होगा लाभ

हर्षवर्धन चौहान ने की 23 करोड़ की संपर्क सड़क योजना की शुरुआत, हजारों को होगा लाभ

‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता’, देश के नाम संबोधन में बोले PM मोदी

‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता’, देश के नाम संबोधन में बोले PM मोदी

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को फिर दिखाया आईना, कहा- हम अगले मिशन के लिए तैयार

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को फिर दिखाया आईना, कहा- हम अगले मिशन के लिए तैयार

ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुला कांगड़ा का गगल एयरपोर्ट, कमर्शियल फ्लाइटों ने भरी उड़ान

ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुला कांगड़ा का गगल एयरपोर्ट, कमर्शियल फ्लाइटों ने भरी उड़ान

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
  • Sitemap

Copyright © Nav-Himachal, 2024 - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer
    • Sitemap

Copyright © Nav-Himachal, 2024 - All Rights Reserved.