धर्मशाला: कांगड़ा जिला की अरनी यूनिवर्सिटी इंदौरा में दो छात्र गुटों की झड़प को राजनीतिक व सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है. सोमवार बीती देर रात हुए इस विवाद के बाद मंगलवार को धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में अरनी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विवेक सिंह ने कहा कि दो गुटों की झड़प मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन व पुलिस की ओर से उचित कार्रवाई की जा रही है. जिसमें शुरूआती जांच में 10 छात्रों को लड़ाई-झगड़े में संल्पित होने पर संस्पेंड भी कर दिया गया है. जबकि जांच कॅमेटी की मामले को लेकर गहन जांच पड़ताल सहित कार्रवाई जारी है.
डॉ. सिंह ने कहा कि बाहरी लोगों ने यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुसकर मामले को और अधिक भड़काने का प्रयास किया है, जिसमें उन्होंने सरकार, प्रशासन व पुलिस विभाग से उचित कार्रवाई की मांग रखी है. चांसलर ने बताया कि एक जनवरी को उनपर हुए हमले के तहत ही यूनिवर्सिटी को बदनाम करने की साजिश की जा रही है.
डॉ. विवेक सिंह ने कहा कि छह अक्तूबर को दो छात्र गुटों में कुछ कहासुनी के बाद लड़ाई-झगड़ा होने की बात सामने आई. घटना की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पुलिस के साथ मिलकर मामले को सुलझा लिया था. उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक ब्यानबाजी व नारेबाजी छात्रों की ओर से कैंपस में नहीं की गई थी. चांसलर ने बताया कि इस मामले में जांच पड़ताल में जुटी जांच कॅमेटी को भी किसी तरह नारेबाजी को लेकर कोई वीडियो व अन्य सबूत नहीं मिले हैं.
डॉ. विवेक सिंह ने कहा कि दो गुटों में हुई लड़ाई को लेकर जांच कमेटी गठित जांच कर रही है, जोकि पूरे मामले की पड़ताल कर रही है. इसमें शुरुआती दौर में ही 10 छात्रों को लड़ाई-झगड़े में संल्पित रहने पर संस्पेंड कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अरनी विश्वविद्यालय में एंटी इंडिया व संप्रदाय को लेकर किसी भी प्रकार की बात को कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कहा कि विभिन्न संप्रदाय के छात्र विश्वविद्यालय में पढ़ते है, बावजूद इसके भारत विरोधी किसी भी बात कोई कोई स्थान नहीं है.
हिन्दुस्थान समाचार