शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय (आईजीएमसी) शिमला में नवनिर्मित पांच मंजिला तृतीयक (टर्शरी) कैंसर अस्पताल भवन का शुभारंभ किया. 13.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले इस भवन का उद्देश्य उपचार क्षमताओं को स्तरोन्नत कर कैंसर रोगियों को लाभान्वित करना है, ताकि उन्हें कैंसर के उत्कृष्ट उपचार की सुविधा राज्य में ही सुनिश्चित हो सके. इस भवन के निर्मित होने से अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिए बिस्तरों की क्षमता 20 से बढ़ाकर 65 की जाएगी जिससे कैंसर रोगियों को बेहतर चिकित्सा देखभाल मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कैंसर पीड़ितों को नवीनतम चिकित्सा तकनीकयुक्त विश्वस्तरीय उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि यह अस्पताल जल्द ही इंटेंसिटी मॉडयूलेटिड रेडिएशन थैरेपी (आईएमआरटी), इमेज गाइडिड रेडिएशन थैरेपी (आईजीआरटी) और वॉल्युमेट्रिक मॉड्यूलेटिड आर्क थैरेपी (वी मैट) सहित उन्नत विकरण चिकित्सा उपकरणों से लैस होगा. 7.77 करोड़ रुपये की लागत की एक सीटी सिम्यूलेटर मशीन पहले ही स्थापित की जा चुकी है, जिसको क्रियाशील बनाने का कार्य प्रगति पर है. इसके अलावा, 24 करोड़ रुपये की लागत की एक एलआईएनएसी मशीन स्थापित की जा रही है, जिससे 25 जनवरी 2025 तक क्रियाशील कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे कैंसर उपचार सुविधाओं के विकल्प में वृद्धि होगी और मरीजों को सुविधा होगी.
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आईजीएमसी में पैट स्कैन मशीन की खरीद के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कैंसर रोग का शीघ्र पता लगाने में सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि यदि उचित समय पर सही ईलाज मिले तो कैंसर का उपचार संभव है. कैंसर की उचित देखभाल के लिए प्रदेश सरकार जिला हमीरपुर में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित कर रही है. इसके अलावा नवीनतम उपचार तकनीकों पर मार्गदर्शन और देखभाल में सुधार के लिए सरकार द्वारा उत्कृष्ट कैंसर विशेषज्ञ की एक राज्यस्तरीय समिति भी बनाई गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार व्यवस्था परिर्वतन के माध्यम से राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र को और मजबूत कर रही है. उन्होंने प्रदेश में कैंसर के मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के बाद हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक कैंसर के मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कैंसर रोगियों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ निरन्तर कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य अधोसंरचना की अनदेखी की जिसके कारण प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार नहीं हुआ जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार चिकित्सा के बुनियादी ढांचे में आवश्यक सुधार कर रही है. चिकित्सक-रोगी और नर्स-रोगी अनुपात में सुधार के लिए वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है.
उन्होंने कहा कि एक वर्ष के भीतर आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थान बन जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की राज्य के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार की भी योजना है.
हिन्दुस्थान समाचार