Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि का हर दिन देवी की उपासना के साथ उत्सव की तरह मनाया जाता है. इसके पांचवे दिन का भी विशेष महत्व है, भक्तगण इस दिन स्कंद माता की अराधना करते हैं. आज (सोमवार) सुबह से ही देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटी रही है. स्कंद माता की उपासना से भक्तों की सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं और परम शांति व सुख का अनुभव होने लगता है. जो लोग स्कंद माता की विधिवत उपासना करते हैं, माता उन पर अपनी संतान के समान स्नेह लुटाती हैं.
आपको बता दें कि जगत जननी मां नवदुर्गा का पांचवां स्वरूप स्कंद माता का है. स्कन्द अर्थात कार्तिकेय की माता होने के कारण इनको स्कन्द माता कहा जाता है. इनका स्वरूप अत्यंत निश्चल और पावन हैं जोकि चार भुजाधारी, कमल के पुष्प पर विराजमान हैं. इनको पद्मासना देवी भी कहा जाता है. कार्तिकेय भी इनकी गोद में बैठे हुए हैं जिससे कार्तिकेय की पूजा स्वयं हो जाती है. स्कंद माता की पूजा करने से जीवन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं व संतान प्राप्ति का सुख मिलता है. मां की पूजा से भक्त भय से दूर हो जाते हैं.
आज पूरे देशभर के भक्त श्रद्धा भक्ति भाव के साथ मां की आराधना में लीन नजर आ रहे हैं. देवी पंडालों में छोटे छोटे नौनिहालों के द्वारा देवी भजनों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया जा रहे हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्कंदमाता की पूजा मात्र से संतान को कोई कष्ट हो रहा हो तो उसका भी अंत हो जाता है. स्कंदमाता को पीला रंग अत्यधिक प्रिय हैं ऐसे में पूजा में पीले वस्त्र धारण कर मां को पीले फूल अर्पित करें और पीली चीजों का भोग लगाएं. साथ ही जितना हो सके मां स्कंदमाता का ध्यान करें.
हिन्दुस्थान समाचार