शिमला: शिमला शहर में यातायात का बोझ कम करने के लिए सब्जी मंडी, अनाज मंडी, लक्कड़ मंडी और मोटर माकेर्ट को शहर से बाहर शिफ्ट किया जाएगा. जिला प्रशासन ने इसके लिए कवायद तेज कर दी है. मंडियों को शिफ्ट करने को लेकर उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यम की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई.
उपायुक्त ने कहा कि शहर से सब्जी मंडी, अनाज मंडी, लक्कड़ मंडी और ट्रांसपोर्ट को बाहर स्थानांतरित करने की दिशा में प्रशासन प्रयासरत है. इसके लिए भविष्य की दृष्टि से भूमि का चयन होना बहुत जरूरी है. हर दिन शहर में वाहनों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वहीं बाजारों के कारण यातायात व्यवस्था को बनाए रखना प्रशासन के समक्ष एक बड़ी चुनौती रहती है. ऐसे में कई बाजार जो कार्ट रोड़ के साथ सटे हुए है, उन्हें स्थानांतरित करने की योजना है.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सब्जी मंडी के स्थानांतरण के लिए शोघी के आसपास भूमि का चयन किया जाए ताकि भविष्य में फोरलेन भी सब्जी मंडी के नजदीक रहे और शहर में वाहनों की आवाजाही पर भी नियंत्रण लग सके.
उपायुक्त ने कहा कि आगामी 15 दिनों के भीतर संभावित भूमि का राजस्व रिकार्ड तैयार किया जाएगा. इसके बाद बैठक में विभिन्न मंडियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिन भी स्थानों पर नई मंडियां बनाई जाएगी, वहां मुख्य मार्ग पर प्रवेश और निकासी अलग रहेगी ताकि मंडी में किसी प्रकार की यातायात संबधी समस्या पैदा न हो.
शिमला में विकसित होगी एक बड़ी मोटर मार्केट
उपायुक्त ने शिमला शहर में मोटर मार्केट के लिए भी कोई चिन्हित स्थान का चयन करने के निर्देश दिए है. शहर के चारों तरफ छोटी-छोटी मोटर मार्केट है. ऐसे में एक बड़े क्षेत्र में शहर की सबसे बड़ी मोर्टर मार्केट विकसित करने की दिशा में प्रशासन प्रयास कर रहा है ताकि शहर की मोटर मार्केट एक ही जगह पर स्थानांतरित हो सके. टिम्बर मंडी को ऐसे स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा जहां पर छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके.
बैठक में दाड़नी के बगीचे में सब्जी मंडी के स्थानांतरण के प्रस्ताव की जगह नए भूमि के विकल्प तलाशने के निर्देश दिए गए है. शिमला व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने मंडियों के स्थानांतरण को लेकर अपने सुझाव बैठक में रखे. दुकानों का रिकार्ड होगा तैयार उपायुक्त ने निर्देश दिए है कि शहर में विभिन्न मंडियों की दुकानों का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जिसमें कुल दुकानों की संख्या, काम करने वाले लोगों की संख्या, छोटे-बड़े वाहनों की दैनिक आवाजाही आदि शामिल होंगे. इससे मंडियों के स्थानांतरण की योजना में काफी मदद मिलेगी.
हिन्दुस्थान समाचार