शिमला: ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के नेतृत्व में पूरे भारत में गो प्रतिष्ठा आंदोलन के तहत गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा 22 सितंबर से 26 अक्टूबर तक चल रही है. इसी क्रम में स्वामी शंकराचार्य 24 अक्टूबर को शिमला आएंगे. यह जानकारी शिमला यात्रा के सह सयोंजक विकास पाटनी और अखिलेश ब्रह्यचारी ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी. यहां उनके स्वागत के साथ गो ध्वज स्थापित किया जाएगा. दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक गो ध्वज की स्थापना करेंगे और गो महासभा को सम्बोधित करेंगे. इसके बाद वह देहरादून, उत्तराखंड के लिए प्रस्थान करेंगे.
यह आंदोलन पिछले प्रयासों का ही एक हिस्सा है, जैसे कि धर्म सम्राट यतिचक्रचूड़ामणि पूज्य करपात्री महाराज के नेतृत्व में 1966 में चलाए गए गौरक्षा आंदोलन, जिसमें भक्तों ने बहुत बड़ा बलिदान दिया था. वर्तमान आंदोलन का नेतृत्व परम गौभक्त पूज्य गोपाल मणि कर रहे हैं, जिन्हें चारों पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त है. राम गौ प्रतिष्ठा संहिता विधेयक और 42 सूत्री धर्मदेश के पारित होने के साथ ही इस आंदोलन ने गति पकड़ ली है.
उन्होंने बताया कि इस यात्रा में शंकराचार्य और पूज्य गोपाल मणि एक साथ यात्रा करेंगे, जिसका उद्देश्य सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों में पवित्र गौ ध्वज (गाय का झंडा) स्थापित करना है. यह यात्रा अयोध्या से शुरू हुई और देश के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए राष्ट्रीय राजधानी में एक भव्य कार्यक्रम के साथ समाप्त होगी.
अखिलेश ब्रह्यचारी ने कहा कि ज्योतिर्मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने इस वर्ष को गौ संवत्सर (गाय का वर्ष) घोषित किया है और इस उद्देश्य के समर्थन में वे गोवर्धन से दिल्ली तक नंगे पांव पदयात्रा का नेतृत्व कर चुके हैं. यात्रा के दौरान, शंकराचार्य भारत भर के प्रमुख गौ भक्तों को सम्मानित करेंगे और प्रत्येक राज्य में भव्य गौ प्रतिष्ठा सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे.
उन्होंने कहा कि गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा का लक्ष्य देश भर में गौ भक्तों को संगठित करना, उन्हें गाय की गरिमा और सम्मान को बहाल करने के लिए एकजुट करना और उसे ‘राष्ट्र माता’ की उपाधि प्रदान करना है – जिसका आदर्श वाक्य है “गौ माता, राष्ट्र माता – राष्ट्र माता, भारत माता.” यात्रा के बाद, 7 से 9 नवंबर तक दिल्ली में गोपाष्टमी के अवसर पर राष्ट्रव्यापी गौ प्रतिष्ठा महासम्मेलन आयोजित किया जाएगा. यह आयोजन भारत सरकार से गोहत्या बंद करने और गाय को राष्ट्रमाता के रूप में मान्यता देने की निर्णायक अपील के रूप में काम करेगा.
उन्होंने कहा कि इस गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा का उद्देश्य सम्पूर्ण राष्ट्र के गौभक्त हिन्दुओं को एक सूत्र में बांधकर गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाना है और गौहत्या को समाप्त करने के लिए लोगों को जागरूक करना है.
हिन्दुस्थान समाचार