शिमला: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने यहां हिमाचल प्रदेश चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड के अधिकारियों के साथ एक विशेष उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में गुणवत्तापूर्ण दवाओं, चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों और उपकरणों की पारदर्शी खरीद के माध्यम से राज्य के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे में सुधार पर चर्चा की गई.
स्वास्थ्य मंत्री ने आवश्यक दवाओं और शल्य चिकित्सा उपकरणों की बढ़ती मांग को पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों से प्राप्त मांग को पूरा करने के लिए 888 आवश्यक दवाओं के साथ-साथ 273 चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों और शल्य चिकित्सा वस्तुओं के लिए एक सप्ताह के भीतर निविदाएं (टेंडर) जारी करने के निर्देश दिए. ये निविदाएं राज्य के अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा आपूर्ति की खरीद सुनिश्चित करेंगी.
डॉ. शांडिल ने कहा कि क्षेत्रीय, नागरिक और क्षेत्रीय अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीनों की खरीद के लिए निविदाएं जारी करने को मंजूरी दे दी गई है और ये मशीनें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत खरीदी जाएंगी. इस खरीद के साथ ही राज्य के 34 स्वास्थ्य संस्थान जल्द ही उन्नत डायग्नॉस्टिक मशीनों से लैस हो जाएंगे.
इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एचआईवी जांच और परामर्श सेवाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से एकीकृत परामर्श और परीक्षण केंद्र (आईसीटीसी) वैन की खरीद की औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं. ये मोबाइल इकाइयां आम जनता, उच्च जोखिम वाले समूहों (एचआरजी), औद्योगिक क्षेत्रों और कारागारों को जांच और परामर्श सेवाएं प्रदान करेंगी तथा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को जनता तक पहुंचाने में सहयोग करेंगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लागत-कुशलता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक लाख रुपये तक की कीमत वाली मशीनरी और उपकरणों की एकमुश्त खरीद का विकल्प चुनने के बजाय अनुबंध दर के आधार पर ई-टेंडर जारी करने के निर्देश जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि 11,000 रुपये से कम कीमत वाले उपकरणों के लिए यह बदलाव खरीद प्रक्रिया को बढ़ाएगा, जिससे आपूर्तिकर्ताओं का निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी चयन सुनिश्चित होगा.
हिन्दुस्थान समाचार