कुल्लू: जिला कुल्लू में साेमवार काे एक बार फिर से हिंदू संगठनों ने अवैध मस्जिद को लेकर धरना प्रदर्शन किया. इस दाैरान जामा मस्जिद के आसपास पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया था. पूरे क्षेत्र में बेरिकेटिंग की गई थी. बड़ी बात यह है कि जिला प्रशासन विरुद्ध भी जमकर नारेबाजी की. करीब दो घंटे तक उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन चलता रहा.
कुल्लू शहर में मस्जिद के विवाद को लेकर 14 सितंबर को धरना प्रदर्शन किया गया था और प्रशासन को चेताया था कि अगर शीघ्र उनकी मांगों को पूरा न किया गया तो वह 30 सितंबर को प्रदर्शन करेंगे. लेकिन जब कोई भी कार्रवाई न हुई तो सैंकड़ों लोग सोमवार को सड़क पर उतर आए. हैरानी की बात तो यह है कि लोगों ने बड़े ही अलग अंदाज में आंदोलन किया. प्रदर्शनकारियों ने यहां कुल्लवी नाटी डालकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी पारंपरिक कुल्लवी परिधान और वाद्य यंत्रों के साथ विरोध प्रदर्शन में नाटी करते हुए दिखे.
प्राचीन हनुमान मंदिर से प्रदर्शनकारी आखाड़ा बाजार पहुंचे जहां जामा मस्जिद के सामने पुलिस और प्रदर्शनकारियों के मध्य खूब धक्का मुक्की हुई. वहां से किसी तरह प्रदर्शनकारियों को आगे रवाना किया गया लेकिन उपायुक्त कार्यालय के बाहर एक बार फिर विवाद गहरा गया. दो घंटे तक प्रदर्शनकारी उपायुक्त कार्यालय के बाहर जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे और उपायुक्त से प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच आने की मांग को लेकर अड़े रहे.
प्रदर्शनकारी इस बात से नाराज थे कि जहां उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया . वहीं जनता को प्रशासन द्वारा दिए गए बयान से गुमराह किया गया. मस्जिद को प्रशासन ने वैध ठहराया है जोकि गलत है. उपायुक्त द्वारा प्रदर्शनकारियों को शांत करने का प्रयास किया गया और उन्हें मस्जिद से संबधित दस्तावेज दिखाए गए. लेकिन हिंदू संगठन अभी तक गुस्से में हैं.
गौरतलब है कि बीते दिन (रविवार) एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला ने मस्जिद को वैध बताते हुए मीडिया के समक्ष दस्तावेज पेश किए थे. एसडीएम ने कहा कि अखाड़ा बाजार की राम गली में स्थित जामा मस्जिद सरकारी दस्तावेज में दर्ज है. यह जमीन पंजाब वक्फ बोर्ड के नाम पर पंजीकृत है. इसलिए मस्जिद को अवैध नहीं बताया जा सकता है. आजादी के पहले से यह जगह रिकॉर्ड में दर्ज है. साल 1970 के सरकार के गजिट में भी यह जगह दर्ज है. इसके अलावा राजस्व रिकॉर्ड में गिरदावरी से लेकर अन्य तमाम रिकॉर्ड में यह जगह दर्ज है.
उन्होंने कहा कि वर्ष1999 में यहां मस्जिद निर्माण के लिए टीसीपी से अनुमति मांगी गई थी. जो साल 2003 तक वैद्य था. इसमें ग्राउंड के अलावा 3 मंजिला नक्शा शामिल था और वर्तमान में 980 स्क्वेयर मीटर में निर्माण हुआ है. ऐसे में 150 स्क्वेयर मीटर अतिरिक्त निर्माण है और इस निर्माण के लिए मस्जिद प्रबंधन की तरफ से टीसीपी को रेगुलर करने के लिए आवेदन किया गया है. ऐसे में मस्जिद को अवैध नहीं कहा जा सकता.
हिन्दुस्थान समाचार