मंडी: पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि मस्जिद विवाद मामले में कांग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है. एक तरफ मंत्री बयान पर बयान दिए जा रहे हैं और दूसरी और दिल्ली से दबाव पड़ते ही इनकी टांगें लड़खड़ा रही हैं. कोई बाहरी मुस्लिम नेता यहां आकर माहौल खराब कर जाता है और मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं.
भाजपा नेता जयराम ठाकुर गुरुवार को मंडी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस अवैध मस्जिद को पुलिस-प्रशासन ने सील किया है, उसमें जबरन घुसकर और वहां का वीडियो बनाकर एआईएमआईएम नेता ने शिमला की शांति भंग करने की कोशिश की है. ठाकुर ने कहा कि एआईएमआईएम नेता अपने वीडियो में मस्जिद के सामने वाले भवन को उसकी ऊंचाई के आधार पर गिराने की बात कह रहे हैं, जबकि उन्हें यह मालूम नहीं कि वो भवन वैध तरीके से बना है, जबकि मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से हुआ है. इस प्रकार का वीडियो बनाकर उन्होंने हिंदू समाज के लोगों की भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया है.
ठाकुर ने कहा कि उक्त नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, लेकिन ऐसे कृत्य पर सिर्फ एफआईआर ही दर्ज नहीं होनी चाहिए बल्कि प्रदेश सरकार इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई अम्ल में लाए. उन्होंने शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने का प्रयास किया है. अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है जबकि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले हिन्दू नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से पुलिस ने सरकार के इशारे पर कारवाई की है. सरकार को इस मसले पर जनभावना का सम्मान करना चाहिए और कोई स्थाई हल निकालना चाहिए.
जयराम ठाकुर ने कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के हर रेहड़ी-फड़ी धारक को पहचान प्रदर्शित करने वाले बयान पर कहा कि उनकी सरकार ने इस प्रावधान को लागू करने का निर्णय लिया था तो उस वक्त कांग्रेस ने उसका जमकर मजाक बनाया था. आज कांग्रेस के यही नेता उसी नीति को अपना रहे हैं. मंत्री पहले कहते हैं उत्तर प्रदेश योगी सरकार की तर्ज पर वे इसे लागू करेंगे और सुबह होने तक दिल्ली से कांग्रेस नेताओं के दबाव में बयान पलट जाता है.
उन्होंने कहा कि निर्णय बिल्कुल सही है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस बयान पर कब तक कायम रहते हैं क्योंकि कुछ दिन पहले अनिरूद्ध सिंह ने भी ऐसा बयान दिया था तो उनके मंत्रीपद पर आ गई थी, जिसके बाद उनकी टांगें कांप गई और उन्हें अपने बयान से पलटना पड़ा था. उन्होंने कहा कि किसानों को लेकर जो बयान सांसद कंगना रनौत ने दिया है, वो उनकी निजी राय है, यह पार्टी का मत नहीं है और पार्टी ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट भी कर दी है. कंगना ने भी खुद इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है.
हिन्दुस्थान समाचार