नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचीं और कार्यभार संभाला. दिल्ली शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से मार्च महीने से ही सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय बंद था. आज सचिवालय की तीसरी मंजिल पर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में आतिशी पहुंचीं. कार्यालय में जिस कुर्सी पर अरविंद केजरीवाल बैठते थे, उस कुर्सी पर आतिशी नहीं बैठीं. उस कुर्सी को खाली कर उसके बगल में एक दूसरी कुर्सी पर आतिशी बैठीं और कार्यभार संभाला.
कार्यभार संभालने के बाद आतिशी ने कहा, “जिस तरह भगवान राम वनवास गए थे और भारत ने अयोध्या में उनका खड़ाऊं रखकर शासन चलाया था, वह अगले 4 महीने इसी तरह से दिल्ली सरकार चलाने की कोशिश करेंगी.” अरविंद केजरीवाल जब मुख्यमंत्री थे तो अपने पास कोई विभाग नहीं रखते थे, लेकिन आतिशी ने दिल्ली सरकार के तकरीबन सभी प्रमुख विभाग अपने पास रखे हैं. दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के पास वित्त, शिक्षा, पावर और जल समेत 13 विभाग हैं.
वहीं, दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर न बैठने व अपने लिए एक अलग कुर्सी रखने संविधान का अपमान बताया. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी नेताओं को इस तरह से संविधान का मजाक उड़ाना बंद करना चाहिए. आतिशी संवैधानिक मानदंडों और मुख्यमंत्री के पद का अपमान कर रही हैं. अगर उनका इरादा इस तरह के नाटक में शामिल होने का था, तो उन्हें शपथ लेने से पहले इस बारे में सोचना चाहिए था. उन्होंने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचारी हैं, उनको अपने गुनाहों की सजा मिलेगी.
उन्होंने कहा कि आतिशी जी ये कोई आदर्श पालन नहीं, बल्कि सीधी स्पष्ट भाषा में चमचागिरी है. अपनी इस हरकत से आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा के साथ-साथ दिल्लीवासियों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है. अरविंद केजरीवाल उत्तर दें कि क्या इस तरह के रिमोट कंट्रोल से दिल्ली की सरकार चलायेंगे आप?
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आतिशी ने केवल सीएम पद की गरिमा के साथ ही नहीं, दिल्ली के लोगों की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ किया है. अरविंद केजरीवाल को इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. क्या वे इसी रिमोट कंट्रोल से दिल्ली सरकार चलाएंगे?
विजेंद्र गुप्ता ने आगे कहा कि AAP सरकार का ध्यान दिल्लीवासियों की समस्या दूर करने की जगह संविधान का अपमान करने में है. सीएम ने अपने बगल में केजरीवाल के लिए खाली कुर्सी रखी है. यह हास्यास्पद है. उन्होंने केजरीवाल के कहने पर ऐसा किया है, क्योंकि वे सीएम का पद छोड़ने के बाद अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इस कारण उन्होंने यह असंवैधानिक कार्य सीएम से करवाया है.
हिन्दुस्थान समाचार