शिमला: समाज के अनाथ व बेसहारा बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने और आत्म निर्भर भविष्य बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री सुखविद्र सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना आंरभ की हुई है. इस योजना से प्रदेश भर के बेसहारा बच्चों को लाभ मिल रहा है. इसी के तहत, जिला शिमला के 503 बच्चों को योजना के माध्यम से अनेकों सुविधाएं मिल रही है.
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि जिला शिमला में 252 अर्ध-बेसहारा (सेमि ऑर्फन) बच्चों की सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से 71 लाख 58 हजार 206 रूपए खर्च किए जा चुके है. मशोबरा खंड में 6 लाख 16 हजार रूपये, शिमला शहरी में 6 लाख 40 हजार रूपए, बसंतपुर खंड में 88 हजार 903, चिढ़गाव में 6 लाख, चैपाल खंड में 17 लाख 71 हजार 836 रूपए, रोहड़ू खंड में 02 लाख 54 हजार रूपए, जुब्बल खंड में 05 लाख 59 हजार 600 रूपये, कुमारसैन खंड में 3 लाख 44 हजार, ठियोग खंड में 10 लाख 73 हजार 867 रूपये, रामपुर खंड में 7 लाख 84 हजार रूपये और ननखड़ी खंड में 4 लाख 16 हजार रूपये खर्च किए जा चुके है. वहीं जिला के विभिन्न बाल एंव बालिका आश्रम में रहने वाले 251 बेसहारा बच्चों पर शिमला जिला में 86 लाख 6 हजार 40 रूपये व्यय किए चुके है. इस तरह जिला में कुल 503 बच्चों पर अप्रैल माह से अभी तक कुल 01 करोड़ 57 लाख 64 हजार 246 रूपए खर्च किए चुके है.
अनुपम कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना से बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो रहा है और उनके भविष्य की नींव को मजबूती मिल रही है. प्रदेश सरकार की इस योजना से जिला भर में बेसहारा बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के तौर पर अपनाया है. जिला के बाल-बालिका संस्थानों के 11 बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा घटक के तहत जिला प्रशासन शिमला के सहयोग से जिला कार्यक्रम अधिकारी और जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा 3 बच्चों को लोरेटो तारा हॉल स्कूल, 05 बच्चों को दयानन्द पब्लिक स्कूल शिमला, तथा 03 बच्चों को पाइन ग्रोव स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है तथा बाल-बालिका संस्थान के अलावा बाहर से एक बालिका को पाइन ग्रोव स्कूल मे प्रवेश दिलाया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार