कुल्लू: लद्दाख को पर्यावरण संरक्षण व लोकतंत की बहाली चाहिए. लेह-लद्दाख हिमालय का मुकुट है और यह मुकुट पर्यावरण संरक्षित होना चाहिए. यह बात प्रसिद्ध पर्यावरण विद सोनम वांगचुक ने कुल्लू में पत्रकार वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्टेट हुड छीनकर युटी बनाकर लोकतंत्र छीना और फिर रोजगार छीनकर यहां के युवाओं के हाथ काट दिए. हिमालय का दोहन न हो हिमालय को पवित्र रखना चाहिए. हिमालय के ग्लेशियर 200 करोड़ लोगों की प्यास बुझाता है.
उन्होंने कहा कि हिमालय में जो तबाही मच रही है वोह सिर्फ हिमालय के अंधाधुंध दोहन का कारण है. हिमाचल में विधुत प्रोजेक्ट व लद्दाख में सोलर प्रोजेक्टों से जहां यहां ग्लोबल वार्मिंग बढ़ी है वहीं लोगों का रोजगार व छीन गया है. यही नहीं यहां पर्यावरण की धज्जियां उड़ रही है.
उन्होंने कहा कि लद्दाख के पश्मीना के बड़े-बड़े चरवाहों को सोलर प्रोजेक्टों को दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों को ऐसे अलग-थलग न किया जाए. सहभगिता होनी चाहिए और स्थानीय लोगों की सहमति होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हिमालय ने दुनिया को हवा दी है,पेड़ दिए हैं,नदियां दी है,वन्य प्राणी दिए है और प्रकृति का हर अनमोल खजाना दिया है इसलिए हिमालय को खदान नहीं समझना चाहिए. इसको दूर दृष्टि से देखना चाहिए. हिमालय को ऐशो आराम के साधन के लिए दोहन नहीं करना चाहिए.
हिन्दुस्थान समाचार