शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद अब ये सिलसिला पूरे प्रदेश में शुरू हो गया है. वामपंथी संगठन भी इस मामले में कूद गए हैं. विभिन्न वामपंथी संगठनों ने सोमवार को एक सम्मेलन का आयोजन कर हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर चिंता जताई. वामपंथियों ने कहा कि मस्जिद विवाद की आड़ में लड़ाई-झगड़े को सांप्रदायिक हिंसा में बदल दिया गया है. इसके खिलाफ प्रदेश में 27 सितंबर को रैली निकालकर अमन व शांति का संदेश दिया जायेगा.
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि प्रदेश में धर्म, जाति, क्षेत्र के नाम पर पहली बार ऐसी घटनाएं हो रही है. सविधान के अनुसार कोई देश में कहीं भी काम कर सकता है सभी को समानता का अधिकार हैं. उन्होंने कहा कि मामले में राजनीति हुई है जिसकी शुरुआत सरकार की तरफ से हुई लेकिन आंदोलन को अब बीजेपी और आरएसएस ने हाईजेक कर दिया.
उन्होंने कहा कि देश को सभी ने कुर्बानियां देकर बनाया है. यहां हिंदू मुस्लिम के नाम पर राजनीति नही चलेगी. सरकार को मुखर होकर आगे आना पड़ेगा. प्रदेश में अमन और शांति के लिए शिमला में 27 सितंबर को विशाल रैली निकाली जाएगी जिससे अमन और शांति का संदेश दिया जाएगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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