शिमला: हिमाचल प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के चुनाव को चुनौती देने में मामले में सोमवार को प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट से हर्ष महाजन को झटका लगा है. हाईकोर्ट ने हर्ष महाजन की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका को निरस्त करने वाली अपील खारिज कर दी है.
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाली याचिका को निरस्त करने से इंकार कर दिया है. साथ ही हर्ष महाजन को दो सप्ताह में जवाब देने के आदेश जारी किए हैं.
प्रदेश हाईकोर्ट में हर्ष महाजन के अधिवक्ता विक्रांत ठाकुर ने बताया कि उन्होंने अपील दायर कर कोर्ट से यह आग्रह किया था कि अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका मैंडेटेबल नहीं है. लेकिन न्यायालय ने अपील को स्वीकार नहीं की है और अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा दायर याचिका पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने को कहा गया है.
बता दें हिमाचल प्रदेश में बीते 27 फरवरी को राज्यसभा का चुनाव हुआ, कांग्रेस के पास प्रचंड होने के बावजूद भी भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. हिमाचल प्रदेश में 68 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक और भाजपा के 25 जबकि तीन निर्दलीय विधायकों का सरकार को समर्थन था. लेकिन राज्य सभा चुनाव में छह कांग्रेस व तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ मतदान किया है और चुनाव में दोनों उम्मीदवारों को बराबर 34- 34 मत मिले. जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने पर्ची प्रकिया अपनाई जिसमें भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने जीत दर्ज की. इसी पर्ची सिस्टम को अभिषेक मनु सिंघवी ने हाइकोर्ट में चुनौती दी है. मतदान में बराबरी के बाद पर्ची से निकाले गए परिणाम पर सवाल उठाते हुए सिंघवी ने चुनाव रद्द करने की हाईकोर्ट में गुहार लगाई. अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि पर्ची जिस प्रत्याशी की निकलती है उसे हारा हुआ करार देने की धारणा कानूनी रूप से न्यायसंगत नहीं है.
हिन्दुस्थान समाचार