शिमला: लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हम सभी को हिन्दी भाषा पर गर्व होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज हिन्दी भाषा को विश्व भर में अलग पहचान मिली है और भारत देश आज विश्व भर में एक सशक्त देश के रूप में जाना जाता है.
विक्रमादित्य सिंह शनिवार को ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम लोग अंग्रेज़ी भाषा से बाहर निकलें और हिन्दी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी विभिन्न देशों में अपनी मातृभाषा का प्रयोग अपने संबोधन में करते हैं जिससे हमारे देश को एक अलग पहचान मिली है. उन्होंने कहा कि जी-20 समिट का आयोजन दिल्ली में किया गया जिसमें विभिन्न देशों ने भाग लिया और हमारे देश को एक सशक्त देश के रूप में पहचान मिली है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का निर्माण स्वर्गीय डॉ यशवंत सिंह परमार के प्रयासों से हुआ और तब से लेकर आज तक हिमाचल प्रदेश ने देश और विदेशों में अपनी अलग पहचान बनाई है. इस उपलब्धि में प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों ने अपना योगदान दिया है.
उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर हम अपनी परंपराओं को नजरअंदाज न करें. यह हमारा दायित्व है कि हम अपनी संस्कृति को आगे ले जायें और भावी पीढ़ी के लिए संजोकर रखें. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर प्रदेश के प्राचीन मंदिरों के रख-रखाव पर करोड़ों रुपये दिये हैं और इसका जीवंत उदाहरण शिमला का तारा देवी मंदिर है.
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि विकास जरूरी है पर हमारी सभ्यता को भी सहेजने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत को एक सशक्त देश के रूप में देख रहा है और हमें भी इसमें अपना योगदान देने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि अपनी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विदेशों में रह रहे हिमाचलियों के साथ भी मेल-मिलाप को बढ़ावा देने जरूरी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए ऑनलाइन माध्यम से भी विदेशों में रह रहे हिमाचलियों से संपर्क स्थापित किया जा सकता है.
हिन्दुस्थान समाचार