Mandi Masjid Controversy: मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू संगठनों ने मंडी शहर में धरना प्रदर्शन कर शहर में रैली निकाली. वहीं पर सकोहडी पुल पर रानी खैर गढ़ी चौक पर धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की. विवादित मस्जिद से करीब पचास मीटर की दूरी पर पुलिस द्वारा बैरिकेटस लगाकर उस ओर का यातायात अवरूद्ध कर दिया था. जिसके चलते प्रदर्शनकारी मस्जिद की ओर आगे नहीं बढ़ पाए. उन्हें रोकने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करते हुए धक्कमपेल करनी पड़ी. जब कुछ युवा बैरिकेटस् पर चढ़े लगे तो पुलिस की ओर से वाटर केनन का प्रयोग करते हुए पानी की बौछारें करनी पड़ी. उस दौरान स्थिति कुछ तनावपूर्ण हो गई थी. कुछ लोग भीड़ को आगे बढऩे के लिए भी उकसाने लगे. लगे लेकिन भीड़ में लोगों ने संयम से काम लेते हुए नारेबाजी करने के अलावा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे पुलिस को आंसूगैस या फिर लाठीचार्ज करना पड़ता. वहीं पर मौके पर मौजूद प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों ने भी समझदारी से स्थिति को संभाल लिया. प्रशासन की ओर से लाउड स्पीकर पर भीड़ का आह्वान किया कि बातचीत कर अब तक इस मामले में हुई कार्रवाई को जाने और कानून के दायरे में रहते हुए अपना धरना प्रदर्शन करें. जिसका असर भी हुआ प्रशासन की ओर से उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने माइक संभालते हुए भीड़ को बताया कि मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के लिए मुस्लिम पक्ष भी मान गया है. वहीं पर इस मामले में नगर निगम आयुक्त की अदालत में चल रही कार्रवाई का फैसला भी शुक्रवार को आ गया. जिसमें जतीस दिन के अंदर अवैध निर्माण हटाने की बात कही गई है.
इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रशासन कानून के दायरे में इस मसले को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटा रहा है. वहीं पर मुस्लिम पक्ष का भी पूरा सहयोग मिल रहा है. वे भी कानून के दायरे में रहते हुए इस मामले को सुलझाने को तैयार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि शहर में सांप्रदायकि सौहार्द बनाए रखने के लिए वे सभी संप्रदायों के लोगों के संपर्क में हैं और उनसे बातचीत कर माहौल को शांत करने की कोशिश की जा रही है, जिसमें सभी का सहयोग मिल रहा है.
इधर, प्रशासनकी ओर से की जा रही कार्रवाई की बात सुनने के बाद लोगों ने नारे लगाकर इसका स्वागत किया और धीरे-धीरे भीड़ वहां से हटने लगी. इसी बीच कुछ लोग मााइक पर घोषणा करने वाले थे जिन्हें लोगों ने स्वयं ही हटा दिया. जिससे किसी भी तरह का तनाव नहीं हुआ. इससे पूर्व हिंदुवादी संगठनों और शहर के लोगों की ओर से मंडी शहर के सेरी मंच से चौहटा बाजार, मोती बाजार, समखेतर बालक रूपी बाजार से होते हुए भगवाहन मुहल्ला पोस्ट आफिस रोड़ से रैली निकाली और सकोहडी चौक पर धरना प्रदर्शन एवं नारेबाजी की. रैली को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से पहले बैरिकेटस लगाकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. सकोहडी चौक से मस्जिद तक कड़ा सुरक्षा घेरा बना दिया गया था. इस तरह से बिना किसी बल प्रयोग व लाठीचार्ज के मंडी पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया.
तीस दिन में मस्जिद की पूर्व स्थिति करनी होगी बहाल
इधर, नगर निगम आयुक्त की ओर से शुक्रवार को इस बारे फैसला सुनाया गया. जिसमें कहा गया कि मस्जिद की कमेटी एहले इस्लाम के नाम से 231 वर्ग मीटर जगह राजस्व कागजों में दर्ज है. यह जगह पूर्व में नूर बीबी के नाम से थी जिसका नाम भी कागजों में दर्ज है, अब यह जगह एहले इस्लाम के नाम से है. उन्होंने बताया कि अक्तूबर 2023 में एक व्यक्ति द्वारा श्किायत की गई कि मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया जा रहा है. इसके बाद मस्जिद के पदाधिकारियों द्वारा संशोधित नक्शा नगर निगम में जमा किया गया. जिसकी जांच करने पर उक्त नक्शे में अनेकों कमियां पाई गई, जिस पर निगम के अधिकारियों द्वारा इनका मार्गदर्शन करते हुए एच.पी.टी.सी.पी. के तहत पुन: दुरूस्त करने के उपरांत वापिस नगर निगम में जमा करने को कहा गया. लेकिन मस्जिद की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं अपनाई गई.
उन्होंने बताया कि 27 जुलाई 2024 से छह सुनवाई के बाद शुक्रवार को नगर निगम की अदालत की ओर से फैसला सुनाया गया. जिसमें उलंघनकर्ताओं को विवादित स्थान को उसके मूलस्वरूप जैसा की निर्माण से पहले का था 30 दिनों के भीतर लाने का आदेश पारित किया गया. उन्होंने बताया कि पूर्व में मस्जिद का ढा़चा 45वर्ग मीटर के दायरे में था. उसी स्थिति में इसे एक माह के भीतर लाना होगा.
हिन्दुस्थान समाचार