कोलकाता: आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामाजिक बहिष्कार करने की घोषणा की है. राज्यपाल ने गुरुवार शाम को एक वीडियो संदेश में कहा कि वह अब मुख्यमंत्री के साथ किसी भी सार्वजनिक या सरकारी मंच पर नहीं होंगे. उन्होंने ममता बनर्जी का नाम लिए बिना ‘लेडी मैकबेथ’ कहकर तंज कसा.
राज्यपाल ने कहा, “एक राज्यपाल के रूप में मैं आंखें बंद करके नहीं रह सकता. बंगाल की जनता के साथ खड़े होकर मैंने फैसला किया है कि मैं मुख्यमंत्री का सामाजिक बहिष्कार करूंगा. यदि किसी सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मौजूद होंगी, तो मैं वहां नहीं जाऊंगा.”
#WATCH आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बलात्कार-हत्याकांड: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा "…बंगाल समाज के साथ एकजुटता में, मैं संकल्प लेता हूं कि मैं मुख्यमंत्री का सामाजिक बहिष्कार करूंगा। सामाजिक बहिष्कार का मतलब है कि मैं मुख्यमंत्री के साथ कोई सार्वजनिक मंच… pic.twitter.com/46hynhnOyX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 12, 2024
इस बीच जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन स्वास्थ्य भवन के सामने जारी है. वे सरकार से बातचीत की मांग कर रहे हैं. हालांकि कई दौर की बातचीत के बावजूद कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है. गुरुवार को नवान्न में बैठक की योजना बनाई गई, लेकिन विफल रही. राज्यपाल ने वीडियो संदेश में सरकार को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया.
राज्यपाल बोस ने कहा, “मेरे अनुसार, राज्य सरकार समाज और पीड़िता के माता-पिता की भावनाओं को समझने में असफल रही है. नवान्न सच को छिपा नहीं सकता. आप कुछ लोगों को कुछ समय के लिए बेवकूफ बना सकते हैं, लेकिन सभी को हमेशा के लिए नहीं.” राज्यपाल ने कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने सीधे तौर पर गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जो कि स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं, को इन स्थितियों के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य मंत्री, जो कि गृह मंत्री और मुख्यमंत्री भी हैं, राज्य में कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को संभालने में विफल रही हैं.”
राज्यपाल ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर की भूमिका पर भी नाराजगी जताई और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा, “आंदोलनकारियों द्वारा पुलिस कमिश्नर के खिलाफ लगाए गए आरोपों से मैं आहत हूं और उनकी भूमिका पर मुझे शर्म आती है. उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए.”
हिन्दुस्थान समाचार