मंडी: प्रदेश की दूसरी यूनिवर्सिटी सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी का प्रथम दीक्षांत समारोह संस्कृति सदन कांगणीधार-मोतीपुर में आयोजित किया गया. एसपीयू के इस प्रथम दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में शिव प्रताप शुक्ला महामहिम राज्यपाल हिमाचल प्रदेश एवं कुलाधिपति सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी रहे. जबकि विशिष्ट अतिथि चंद्रशेखर विधायक एवं सदस्य विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद तथा आचार्य राजीव अहूजा निदेशक आईआईटी रोपड़ रहे.
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के कुलपति आचार्य ललित कुमार अवस्थी ने बताया कि इस प्रथम दीक्षांत समारोह में 36 मेधावी छात्रों को स्वर्ण रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किए गए तथा विभिन्न विभागों के 311 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की उपाधियां दी गई. स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्रों में ज्यादा संख्या छात्राओं की रही. यह दीक्षांत समारोह पूर्ण रूप से हिंदी तथा भारतीय वेशभूषा में आयोजित किया गया.
दीक्षांत समारोह के दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि दीक्षांत समारोह के दौरान डिग्री मिलने की तारीख को हर कोई यााद रखता है. लेकिन स्कूल में प्रवेश लेने का दिन किसी को याद नहीं रहता है.
उन्होंने कहा कि हमें इस बात को भी याद रखना चाहिए कि अध्यापकों के सतत प्रयासों से ज्ञान को बच्चों में रेपित कर उर्वरा शक्ति को विकसित किया. राज्यपाल महोदय ने कहा कि दीक्षांत समारोह उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं को जीवन से जोड़ता है और जीवन को एक नई राह देता है. उन्होंने कहा कि मेडल की महता को जरूर सिद्ध करें ,खासकर प्रतियोगिता में मेडल की महता को सिद्धकरोगे तो आपको सम्मान मिलेगा और समाज में चर्चा होगी कि आप सरदार पटेल विश्वविद्यालय के छात्र हैं.
उन्होंने कहा कि शिक्षा का महत्व अनमोल है यह केवल ज्ञान का स्रोत नहीं बल्कि यह व्यक्ति समाज और राष्ट्र की समग्र विकास का साधन है. भारत में प्राचीन काल से ही उच्चतर शिक्षा एक समृद्ध और व्यवस्थित परंपरा रही है. उच्चतर शिक्षा में भारत ज्ञान और संस्कृति का केंद्र रहा है. नालंदा ,विक्रमशिला ,तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय में विश्व भर से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते थे. छात्रों से आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मैं चाहता हूं आप अपने जीवन में किसी भी क्षेत्र में कार्य करें उसे पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी, नैतिकता और सामाजिक सरकार की भावना से करें तथा समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी अग्रणी भूमिका को सुनिश्चित करें.
सरदार पटेल की दृढ़ता का परिचायक बने विश्वविद्यालय: राज्यपाल
शिव प्रताप शुक्ल ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय की प्रगति पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि देश के प्रथम गृहमंत्री के नाम से स्थापित यह विश्वविद्यालय उनकी तरह दृढ़ता का परिचायक बनें. उन्होंने कहा कि एसपीयू के कुलपति के लिए नामों का चयन सर्च कमेटी की ओर से किया गया था. जब मेरे पास ये नाम आए तो प्रोफेसर ललित अवस्थी के नाम का चयन किया गया. उन्होंने कहा कि उनके चयन के बाद भी संशय बरकरार था कि आगे क्या होगा. लेकिन इतने कम समय में कुलपति अवस्थी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया. यही नहीं भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अलावा अन्य विभिन्न कमेटियों का गठन किया. कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए किए गए निर्णय की प्रशंसा की.
वहीं प्रोफेसर अवस्थी ने अपने संबोधन में सभी का स्वागत किया तथा इस प्रथम दीक्षांत समारोह के साक्षी बनने पर बधाई दी. विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि यह दिवस एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो उनकी कड़ी मेहनत समर्पण और संघर्ष का प्रतीक है. उन्होंने विद्यार्थियों से समाज के प्रति उनके कर्तव्यों का पालन करने के लिए तथा भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में उनकी भूमिका पर भी बल दिया. प्रोफेसर अवस्थी ने विश्वविद्यालय की प्रगति और उपलब्धियां पर एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की.
हिन्दुस्थान समाचार