शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून के मंद पड़ने के मौसम विभाग के अनुमान गलत साबित हुए हैं. राज्य के विभिन्न हिस्सों में बीती रात से रूक-रूक कर वर्षा हो रही है. कुछ स्थानों पर भारी बरसात भी हुई है. बादलों के बरसने से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे एक नेशनल हाईवे और छह दर्जन से अधिक सड़कें बंद पड़ गई हैं.
राजधानी शिमला के उपनगर संजौली के पास पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरने से संजौली-ढली बाईपास सड़क कुछ समय तक बाधित रही. शिमला में पिछले कुछ दिनों से सुबह के समय धूप खिल रही है, लेकिन दोपहर के समय मौसम के मिजाज बिगड़ने से जमकर बारिश हो रही है. इससे यहां भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है.
मौसम विभाग ने ताजा पूर्वानुमान जारी करते हुए नौ जिलों कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और शिमला में आज भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है. अगले दो दिन यानी 11 व 12 सितंबर को मैदानी व मध्यपवर्ती क्षेत्रों में बिजली कड़कने के साथ वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है. विभाग ने 13 से 16 सितंबर तक किसी तरह का अलर्ट व चेतावनी नहीं दी है, लेकिन इस अवधि में मौसम के खराब बने रहने का अनुमान है.
बिलासपुर के नैना देवी में सबसे ज्यादा बारिश
सोमवार शाम से मंगलवार सुबह तक बिलासपुर के नैना देवी में सर्वाधिक 90 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई हैं इसके अलावा मलगरां में 80, बरठीं में 76, उना में 38, चौपाल में 32, ओलिंडा, ब्राहमणी व बीबीएमबी में 26-26 और कसौली में 22 मिमी वर्षा हुई.
भूस्खलन से एक एनएच समेत 75 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मंगलवार सुबह तक प्रदेश की प्रदेश की 75 सड़कों पर भूस्खलन से वाहनों की आवाजाही ठप है. इसके अलावा किन्नौर जिला के निगुलसरी में नेशनल हाईवे-पांच भी अवरूद्व पड़ा है. शिमला जिला में 34, मंडी में 26, हमीरपुर में 10, कुल्लू में दो, बिलासपुर, सिरमौर व उना में एक-एक सड़क बंद है. राजधानी शिमला के उपनग संजौली से सटे चंलौठी के पास कैथलीघाट से ढली की ओर बन रहे फोरलेन के टनल निर्माण कार्यस्थल पर भूस्खलन हुआ है. इसके अलावा प्रदेश में 42 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से बिजली आपूर्ति भी गुल है. चंबा जिला में 35, कुल्लू में पांच और मंडी में तीन ट्रांसफार्मर ठप हैं.
हिन्दुस्थान समाचार