शिमला: हिमाचल प्रदेश में वनों का घनत्व 68 प्रतिशत के लगभग है. राज्य में वन अधिक होने कारण यहां पर अवैध वन कटान के मामाले भी लगातार सामने आते रहते हैं. राज्य में एक जनवरी 2023 से 31 जुलाई 2024 तक कुल 2123 अवैध कटान के मामले दर्ज़ किए गए हैं, जिनमें 4476 वृक्ष अवैध रुप से कोट गए हैं.
विधायक रणधीर शर्मा के एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि अवैध रुप से काटे गए वृक्षों का बाजारी मूल्य 10,98,10,120/- रुपये आंका गया है. उन्होंने बताया कि इसमें से 1607 मामले कम्पाउंड किए गए हैं और जुर्माने के तौर पर 2,72,19,912/- रुपये की राशी वसूल की गई है.
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि 229 मामले पुलिस के पास दर्ज किए गए हैं और 32 मामले न्यायालय में चालान किए गए हैं व षेष बचे 255 मामले प्रक्रियाधीन है. प्रक्रियधीन मामलों में जांच की आगामी कार्यवाही जारी है. इन मामलों में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है.
उन्होने बताया कि अवैध कटान के मामलों में सबसे अधिक मामले मण्डी जिला में है. मण्डी में इस दौरान कुल 510 अवैध कटान के मामले सामने आए हैं जिनमें 840 पेड़ अवैध तौर पर कोटे गए हैं. जबकि दूसरे स्थान कांगड़ा जिला में अवैध कटान के 307 मामले सामने आए हैं जिनमें 755 पेड़ कोटे गए हैं. वहीं शिमला जिला में अवैध कटान के 209 मामलों में 601 पेड़ काटे गए हैं. कुल्लू जिला में 288 मामलों में 415 अवैध पेड़ काटे गए हैं. वहीं बिलासपुर में 185 मामलों में 363 पेड़ काटे गए हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसी तरह चंबा के 139 मामलों में 242, हमीरपुर के 134 में 276, सिरमौर के 115 में 258, किन्नौर के 40 में 82, सोलन के 178 में 559, और ऊना के 18 मामलों में 85 अवैध पेड़ काटे गए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के एक मात्र जिला लाहुलस्पीति में कोई भी अवैध पेड़ काटने का मामला सामने नहीं आया है.
हिन्दुस्थान समाचार