शिमला: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में राज्य के कर्मचारियों व पेंशनर्स को सैलरी ना मिलने पर रोष जताते हुए इसे कांग्रेस सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का दुष्परिणाम बताया है.
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी में ज़मीन आसमान का अन्तर है. ये सिर्फ़ बड़ी बातें करना जानते हैं, सरकार चलाना इनके बूते के बाहर की चीज है. 2022 में हिमाचल की भोली-भाली जनता को ठग कर इन्होंने सरकार तो बना ली, मगर अब सरकार चलाने की बारी में इनके हाथ खड़े हो गये हैं. कांग्रेस के आर्थिक कुप्रबंधन से आज हिमाचल बेहाल है. किए वादे पूरे करना तो दूर हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्य के 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनर्स को पहली तारीख़ तारीख को ना सैलरी और ना ही पेंशन मिली है.
उन्हाेने कहा कि हम समझ सकते हैं कि सैलरी ना मिलने से कर्मचारियों और पेंशनर्स के जीवन बहुत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि एक कर्मचारी व पेंशनर्स के लिए उसकी सैलरी ही महीने खर्च का साधन होती है. घर खर्च, ईएमआई, मेडिकल से लेकर स्कूल फ़ीस इत्यादि तक सब कुछ के लिए कर्मचारी व पेंशनर्स सैलरी की बाट जोहते हैं मगर कांग्रेस सरकार की निक्कमेपन के चलते आज उन्हें ये दिन भी देखना पड़ रहा है. आज हिमाचल एक बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है जिसकी ज़िम्मेदार कांग्रेस पार्टी है.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की बेसिरपैर की नीतियाँ, बेहिसाब खर्च, बेतुकी नियुक्तियाँ, आकंठ विलासिता, मित्रों को मालामाल करने की सनक ने आज प्रदेश को बदहाल करके छोड़ा है. हिमाचल प्रदेश में पिछले 20 महीने से चल रहा कांग्रेस का कार्यकाल अराजकता, अहंकार और अन्याय भरा रहा है. जनता की बजाय यह सरकार मित्रों की सरकार बन गई है जहां जनहित नहीं मित्रहित सर्वोपरि है. कांग्रेस ने मात्र 1.5 साल में 25000 करोड़ का कर्ज लेकर प्रदेश पर कर्ज का बोझ 95000 करोड़ पहुँचा दिया. हिमाचल में कांग्रेस को सरकार बनाए 20 महीने बीत गए हैं पर इन्होंने अपनी एक भी गारंटी पूरी नहीं की है.
हिन्दुस्थान समाचार