शिमला: खराब माली हालत से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी के आंकड़े भी स्तब्ध करने वाले हैं.राज्य में बेरोजगारों की तादाद में इजाफा हो रहा है. रोजगार के अवसर नहीं मिलने से बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी हुई है.
श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि बीते दो वर्षों (2021-22 व 2022-23) में हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी का अनुपात बढ़ा है. आर्थिकी एवं सांख्यकी विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वितीय वर्ष 2021-22 के दौरान बेरोजगारी की दर जहां 4.0 प्रतिशत थी, वहीं वितीय वर्ष 2022-23 में बढ़कर 4.4 प्रतिशत पहुंच गई.
हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारों की तादाद सात लाख से ज्यादा है.कांगड़ा जिला बेरोजगारी के मामले में पहले और लाहौल-स्पीति आखिरी पायेदान पर है.
उन्होंने कहा कि जुलाई 2024 तक प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों की कुल तादाद सात लाख आठ हजार 230 है. कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 1 लाख 49 हजार 514 बेरोजगार हैं. लाहौल-स्पीति में सबसे कम 4631 बेरोजगार हैं. बेरोजगारी के मामले में मंडी जिला दूसरे स्थान पर है, जहां 1 लाख 41 हजार 82 बेरोजगार हैं. शिमला जिला में 62 हजार 198, हमीरपुर जिला में 54 हजार 832, चंबा जिला में 54 हजार 705, सिरमौर जिला में 54 हजार 429, उना जिला में 50 हजार 351, बिलासपुर में 50 हजार 155, सोलन जिला में 42 हजार 621, कुल्लू जिला में 37 हजार 224 और किन्नौर जिला में 6488 बेरोजगार हैं. उन्होंने कहा कि रोजगार कार्यालयों में जुलाई 2024 तक अनुसूचित जाति के पंजीकृत बेरोजगारों की तादाद 1 लाख 95 हजार 386 व अनुसूचित जनजाति की संख्या 42 हजार 483 हैं.
उन्होंने कहा कि रोजगार कार्यालयों में बेरोजगार पुरूषों की संख्या 3 लाख 81 हजार 534 और बेरोजगार महिलाओं की संख्या 3 लाख 26 हजार 696 है.जुलाई 2024 तक अनुसूचित जाति के पंजिकृत बेरोजगारों की संख्या 195386 और अनुसूचित जनजाति के पंजिकृत बेरोजगार 42483 हैं.
हिन्दुस्थान समाचार