शिमला: धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी मंदिर परिसर में बनने वाले रोपवे पर प्रदेश सरकार 76.50 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. इस रोपवे की कुल लंबाई 1.2 किलोमीटर होगी. इसका निर्माण सरकार द्वारा मंदिर परिसर की भीड़ को कम करने के लिए पीपीपी मोड पर किया जा रहा है. इसमें सरकार गैप फंडिंग के रूप में 5 करोड़ रुपए दे रही है और शेष सारी राशि प्रोमोटर द्वारा निवेश की जा रही है.
ये बात उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में राकेश कालिया द्वारा नियम-62 के तहत चिंतपूर्णी मंदिर के लिए बनाये जा रहे रोपवे के कारण स्थानीय दुकानदारों के व्यवसाय में नुकसान होने पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कही.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रोपवे पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र भी है और यह एक सच्चाई है कि ऐसी रज्जू मार्ग परियोजनाओं से पर्यटकों के आवागमन में कम से कम 25 फीसदी बढ़ जाता है. इस रज्जू मार्ग के माध्यम से श्रद्धालुओं को आने-जाने की सुविधा भी होगी और इससे लोकल दुकानदारों व अन्य व्यवसाय पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा, इसके विपरीत उनके कारोबार में वृद्धि ही होगी और नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे. उन्होंने कहा कि भारी भीड़ को भी नियंत्रित करने में इस रज्जूमार्ग के बन जाने से सहायता मिलेगी.
उन्होंने कहा कि आजकल हर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर रज्जूमार्ग निर्माण को तव्वजो दी जा रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के बाबा बालकनाथ, बिजली महादेव, माता श्री नयना देवी में भी रज्जूू मार्ग बनने प्रस्तावित हैं. उन्होंने कहा कि रज्जूू मार्ग के बनने से दुकानदार व अन्य व्यवसाय नहीं उजड़ेंगे, बल्कि इस रज्जू मार्ग से मंदिर परिसर के वर्तमान ढांचे को बढ़ावा मिलेगा, श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान होंगी. परिसर में आने जाने वाला रास्ता भीड़ मुक्त होगा और दुकानदारों के लिए नए अवसर सृजित होंगे.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस मंदिर में हर साल 50 से 60 लाख श्रद्धालु आते हैं. इस रोप-वे के लिए टेंडर हो गए हैं और ऑस्ट्रेलिया से इसकी मशीनरी आ रही है. उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी रोप-वे प्रोजेक्ट पर मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर इसका हल निकालेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार