शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि पूर्व की जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पनबिजली परियोजनाओं के साथ हुए एमओयू में हिमाचल के हितों को बेचा है. उन्होंने कहा कि लूहरी, सुन्नी और डुग्गर पनबिजली परियोजनाओं के लिए पूर्व सरकार के समय में हुए एमओयू में रॉयल्टी के रूप में मिलने वाली 12 प्रतिशत फ्री पावर को खत्म किया गया है. इसके अलावा लाडा के नियमों को भी बदला गया है और जीएसटी को माफ किया गया है. वे शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का जवाब दे रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लूहरी परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने किया था. इसके लिए जो एमओयू साइन किया गया था, उसमें शर्तों को बदला गया. उन्होंने कहा कि पहले परियोजनाओं के लिए 12 प्रतिशत फ्री पावर की शर्त थी. उन्होंने कहा कि पूर्व जयराम ठाकुर सरकार ने 12, 18 और 30 प्रतिशत बिजली देने का जो नियम था, उसमें बदलाव किया, जिससे हिमाचल को नुकसान हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल की संपदा को बेचा जा रहा है. कंपनियां प्रोजेक्ट लगाती है और करोड़ों का मुनाफा कमाती हैं और लोगों को कुछ नहीं मिलता है. हिमाचल को बादल फटने जैसी घटनाओं को सहना पड़ता है. उन्होंने कहा कि वह पिछले दिनों केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले थे और फ्री पावर का मामला उनसे उठाया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि बिजली परियोजनाओं को 12 वर्ष तक 12 फीसदी, 12 से 30 वर्ष तक 18 प्रतिशत और 30 से 40 वर्ष तक 30 प्रतिशत बिजली रायल्टी के रूप में राज्य को देनी होगी और 40 वर्ष बाद यह प्रोजेक्ट हिमाचल का होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के इस निर्णय को बिजली प्रोजेक्ट ने कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि जब से सरकार ने यह निर्णय लिया है और कंपनियों ने उनसे बात की है और वे 12 प्रतिशत फ्री पावर देने को तैयार हो गई हैं. उन्होंने कहा कि लाडा और जीएसटी की लड़ाई जारी है. सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि हिमाचल के हितों को किसी भी सूरत में बिकने नहीं देगी और अपनी शर्तों के मुताबिक इन परियोजनाओं को चलाएंगे. यदि वे ऐसा नहीं करती तो वे इन्हें अपनी अधीन ले लेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार