शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के नाम से प्रदेश में जितने भी स्कूल खुले हैं, उन्हें सरकार न तो बंद करेगी, न ही उनके नाम बदले जाएंगे. उन्होंने ऐलान किया कि सरकार किसी भी स्कूल को लीज पर नहीं देगी और न ही उन्हें बेचेगी. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने जो अटल आदर्श विद्यालय बनाने शुरू किए थे उनका काम जारी है. बजट की उपलब्धता के अनुसार इनके कार्य को पूरा किया जाएगा. वह विधायक विनोद कुमार व विपिन सिंह परमार द्वारा पूछे सवाल के जवाब में हस्तक्षेप करते हुए बोल रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष काल्पनिक बातें कर रहा है. काल्पनिक बातों का जवाब नहीं होता. मुख्यमंत्री ने तल्खी दिखाते हुए कहा कि पूर्व की जयराम सरकार के 5 सालों के कार्यकाल में शिक्षा के स्तर में गिरावट आई. हिमाचल शिक्षा में जो 18वें स्थान पर आया है वह पूर्व सरकार की गलतियों के कारण आया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता पर है. विपक्ष भी उनका इसमें साथ दे. उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय में अच्छी शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी.
उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने शिक्षा के साथ हिमाचल का भट्ठा बिठा दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के साथ हिमाचल के हितों को बेचने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इनकार कर रहे हैं और स्कूल को लीज पर देने के विज्ञापन जारी हो चुके हैं. इस मुद्दे को लेकर फिर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया व नारेबाजी भी शुरू कर दी. साथ ही विपक्षी सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए. जयराम ठाकुर ने कहा कि पालमपुर में कृषि विश्वविद्यालय की जमीन को बेचा जा रहा है. अन्य गतिविधियों के लिए इस जमीन को दिया जा रहा है और स्कूलों को पट्टे पर देने की योजना है.
इससे पहले, शिक्षा मंत्री की गैरमौजूदगी में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधायक विपिन परमार व विनोद कुमार के मूल सवाल का जवाब में कहा कि प्रदेश में कुल 3 अटल आदर्श विद्यालय निर्माणाधीन हैं. इनके निर्माण के लिए 70 करोड़ की राशि आवंटित की है.
उन्होंने कहा कि आदर्श विद्यालय मढी में 40 करोड़, अटल आदर्श विद्यालय गडाहरी जिला मंडी को 20 करोड़ व अटल आदर्श विद्यालय गैहरा जिला ऊना को 10 करोड़ की राशि जारी हुई है. उन्होंने बताया कि तीन वर्षों में किसी भी अटल आदर्श विद्यालय के लिए भूमि का चयन नहीं किया गया है. वर्तमान में केवल तीन जगह अटल आदर्श विद्यालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इनमें से एक भी विद्यालय अभी तक पूरा बनकर तैयार नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान आंकलन के अनुसार एक अटल आदर्श विद्यालय के निर्माण कार्य के लिए 35 से 55 करोड़ की धनराशि व्यय होने की संभावनाएं है. उन्होंने कहा कि बोर्डिंग पाठ्यक्रम कैडर व्यवस्था सत्र आरंभ करने के बारे में अंतिम निर्णय इन भवनों के निर्माण पूर्ण होने पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि अटल आदर्श विद्यालय बोर्डिंग हैं, जबकि राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल हैं और ये सभी चलाए जाएंगे.
हिन्दुस्थान समाचार