शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून कहर बनकर बरस रहा है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में बीती रात से बारिश हो रही है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में आज भारी बारिश, मेघगर्जन और बिजली कड़कने का येलो अलर्ट जारी किया है. साथ ही अगले 24 घण्टे यानी शुक्रवार 5:30 बजे तक आधे हिमाचल में अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है.
मौसम विज्ञान विभाग ने आगाह किया है कि राज्य के छह जिलों चम्बा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर में फ्लैश फ्लड आने की आशंका है और लोग घरों से बाहर निकलते समय एहतियात बरतें. स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आने वाले सैलानियों को भूस्खलन संभावित इलाकों की यात्रा न करने और नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है. आगामी चार सितंबर तक प्रदेश भर में मौसम के खराब रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने तीन सितंबर को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. अगस्त महीने में सामान्य से ज्यादा बरसात हुई है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक गुरूवार सुबह तक राज्य में भूस्खलन से एक नेशनल हाइवे और 134 सड़कें ठप हैं. किन्नौर जिला में नेशनल हाइवे संख्या पांच अवरुद्ध हुआ है. शिमला जिले में 59, सिरमौर में 28, कुल्लू व मंडी में 16-16, कांगड़ा में 10 सड़कें बंद हैं.
शिमला शहर में भूस्खलन, सड़क धंसी, आधा दर्जन पेड़ गिरे
राजधानी शिमला में हो रही व्यापक वर्षा से जनजीवन प्रभावित हुआ है. शहर में करीब आधा दर्जन पेड़ों के धराशायी होने से निजी संपति को नुकसान पहुंचा है. छोटा शिमला क्षेत्र में राज्य सचिवालय के समीप एक सरकारी कार्यालय के भवन को पेड़ गिरने से क्षति पहुंची. हालांकि इस दौरान किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ. यूएस क्लब के समीप मच्छी वाली कोटी नामक स्थान पर सम्पर्क सड़क धंसने से दो मंजिला भवन धराशायी हुआ. नगर निगम प्रशासन ने इस भवन को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया था. सड़क से सटे कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं. शिमला को निचले हिमाचल से जोड़ने वाले शिमला-बिलासपुर नेशनल हाइवे बीती देर रात चक्कर के पास पहाड़ी से मलबा व पेड़ गिरने से बाधित हो गया. प्रशासन ने जेसीबी व मशीनरी की मदद से हाइवे को बहाल किया. शिमला-बालूगंज सड़क भूस्खलन के कारण पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ी है.
शिमला के चौपाल में सबसे ज्यादा वर्षा, कुकुमसेरी सबसे ठंडा
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बुधवार शाम से गुरुवार सुबह तक शिमला जिला के चौपाल में सबसे ज्यादा 40 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है. धौलाकुआं में 20, नाहन में 19, पांवटा साहिब में 15, भरविन में 12 और सराहन में 11 मिमी वर्षा हुई. किन्नौर के ताबो और रिकांगपिओ में क्रमशः 64 व 48 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से आंधी चली. कुकुमसेरी सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां न्यूनतम पारा 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. डलहौजी में न्यूनतम पारा 13 , मनाली में 16.2, शिमला में 16.6 और कसौली में 18.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.
हिन्दुस्थान समाचार