शिमला: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सदन में कहा है कि प्रदेश में जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है और अध्यापकों की संख्या ज्यादा है वहां पर युक्तिकरण करने की जरूरत है. उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए विधायकों से भी सहयोग मांगा.
विधायक विपिन परमार की अनुपस्थिति में उनकी ओर से अधिकृत विधायक राकेश जम्वाल द्वारा प्रदेश में कम छात्र की संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किए जाने के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने चिंता जताते हुए कहा कि आज से 20 साल पहले हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में आगे था. उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में पहली से पांचवीं कक्षा तक 5 लाख 90 हजार छात्र थे जो आज घटकर 2 लाख 99 हजार हो गई है. इसी तरह, छठी से आठवीं कक्षा तक 3 लाख 81 हजार छात्रों की संख्या थी, जो आज 2 लाख 50 हजार रह गई है. वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में पहले छात्रों की संख्या एक लाख 84 हजार से घटकर आज 1.36 लाख छात्रों की रह गई है. उन्होंने कहा कि अगले दस सालों में हालात और खराब होने वाली है.
शिक्षा मंत्री ने असर संस्था की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश 21वें स्थान पर पहुंच गया है. आठवीं कक्षा के बच्चे दूसरी कक्षा की किताबें भी नहीं पढ़ पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नए स्कूल खोलने की बजाए शिक्षा विभाग को मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि पूर्व की भाजपा सरकार ने अंतिम साल में 400 संस्थान खोल दिए, लेकिन ऐसा करने से भी सरकार रिपीट नहीं हो पाई. उन्होंने शिक्षा में सुधार के लिए विधायकों से सहयोग की अपील की.
हिन्दुस्थान समाचार
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