शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राज्य में सांपों के काटने से होने वाली मौतों के मामले में संबंधित परिजनों को मुआवजा देने पर विचार करेगी. इसके लिए राहत मैनुअल में आवश्यक संशोधन किया जाएगा. यह ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को विधानसभा में नियम 62 के तहत विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान दखल देते हुए की. उन्होंने राजस्व मंत्री से इस संबंध में आवश्यक अध्ययन करने को भी कहा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के दिनों में खड्डों और नदियों के किनारे वाले क्षेत्रों में स्नेक बाईट की ज्यादा घटनाएं होती हैं, क्योंकि सांप बरसात के पानी में बहकर इन जगहों पर आ जाते हैं.
इससे पहले, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के उत्तर में कहा कि सांप के काटने पर अब लोगों को तत्काल इलाज मिलेगा. इसके लिए सीएचसी और पीएचसी स्तर पर एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे. साथ ही हर 108 एंबुलेंस में भी एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन रखे जाएंगे.
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले के सभी सीएचसी में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है. वर्तमान में जिला भंडार धर्मशाला में 473 एंटी वेनम की वाइल उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि जिले में सर्पदंश की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डाक्टरों, स्टाफ नर्स, सीएचओ और फार्मासिस्टों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इन्हें एंटी स्नेक वेनम के टीके लगाने का प्रशिक्षण दिया गया है.
इससे पूर्व, विधायक केवल सिंह पठानिया ने सदन में “शाहपुर के हारचक्कियां व लंज में चिकित्सकों की कमी के कारण दो व्यक्तियों की सर्पदंश से आकस्मिक मृत्यु का मामला उठाया.
उन्होंने कहा कि जितनी भी 108 एंबुलेंस हैं, उनमें स्नेक बाइट की वैक्सीन रखी जाए और सांप के काटने के कारण होने वाली मौत पर प्रभावितों को चार लाख रुपए की राहत राशि दी जाए. उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और सरकार को इस पर आवश्यक कदम उठाने की मांग की.
हिन्दुस्थान समाचार