हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा का दूसरा मॉनसून सत्र मंगलवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ. ये मॉनसून सत्र अगले 10 दिनों तक चलेगा. सदन की कार्यवाही 9 सितंबर को खत्म हो जाएगी. सत्र के पहले ही दिन सुक्खू सकराकर ने प्रदेश में लड़कियों के विवाह की उम्र बढ़ाने वाले विधेयक को सदन में पेश किया. ये विधेयक बिना किसी चर्चा के ही पास हो गया है.
हिमाचल कैबिनेट में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल ने सदन में बाल-विवाह प्रतिषेध (हिमाचल प्रदेश संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया. इस बिल को बिना किसी चर्चा के पारित किया गया. इस बिल के अनुसार अब हिमाचल प्रदेश में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल होगी, जो कि पहले 18 वर्ष थी. इसके बाद इस बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के पास भेजा गया.
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान समय में लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष है. स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि सरकार के इस फैसले से लड़कियों के स्वास्थ्य और उनकी शिक्षा पर सकारात्मक असर पड़ेगा. कम उम्र में शादी और फिर मां बनने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. वहीं कम उम्र में शादी का दबाव लड़कियों की शिक्षा और करियर में आगे बढ़ने की राह में रोड़ा साबित होता है.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में सुक्खू कैबिनेट ने इस वर्ष की शुरूआत में इसे मंजूरी दी थी. हिमाचल में सरकार बनने के बाद से ही सीएम सुक्खू ने कई बार इस बारे में बात भी की है. हिमाचल सरकार की ओर से पिछले वर्ष इस मामले पर एक कमेटी गठित की गई थी. स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी की अगुवाई में बनी इस कमेटी में ग्रामीण विकास, विधि विभाग और श्रम एवं रोजगार विभाग के अधिकारी भी सदस्य थे. साथ ही एक डेली न्यूजपेपर की ब्यूरोचीफ को भी कमेटी में शामिल किया गया था.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में अब तक लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. जबकि, लड़कों के लिए ये उम्र 21 साल है. सुक्खू सरकार का ये विधेयक राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद कानून बन जाएगा. जिसके बाद हिमाचल प्रदेश में लड़के और लड़कियों की विवाह की न्यूनतम उम्र 21 साल होगी.