शिमला: विधानसभा के मानसून सत्र के आगाज के साथ ही भीतर और बाहर दोनों तरफ विरोध और धरने प्रदर्शन का भी आगाज हो गया है. सदन के बाहर महिला कांग्रेस ने हिमाचल में अपनी ही कांग्रेस सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा की अगुवाई में महिलाओं ने चौड़ा मैदान में एकत्रित होकर यहां जमकर प्रदर्शन किया और जिला चंबा के चुराह विधानसभा के विधायक हंसराज के खिलाफ गिरफ्तारी की मांग की. इस धरना प्रदर्शन में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव नीतू वर्मा सोई व हिमाचल प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष जैनब चंदेल सहित जिलों की अध्यक्ष व कार्यकर्ता उपस्थित रही.
धरना प्रदर्शन चौड़ा मैदान से विधानसभा की ओर आगे बढ़ा तो पुलिस ने यहां बैरिकेडिंग कर डाली और महिलाओं और पुलिस कर्मियों के बीच यहां धक्का-मुक्की हुई. करीब 20 मिनट तक यहां पर महिला कांग्रेस की पदाधिकारियों व सदस्यों ने बैरिकेड्स तोडऩे की कोशिश की और पुलिस इसे बचाती रही. इसके बाद इन्हें यहां से आगे जाने की आज्ञा दी गई. महिला कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और बाद में राजभवन में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
महिला कांग्रेस राष्ट्रीयाध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि लड़की की शिकायत पर भाजपा विधायक हंस राज के खिलाफ पुलिस ने मामला तो दर्ज किया है लेकिन न तो उन्हें गिरफ्तार किया गया और न ही उनका मोबाइल जब्त किया गया जिसकी फौरेंसिक जांच होनी चाहिए, क्योंकि इसके माध्यम से उसने लड़की को अश्लील मैसेज एवं फोटो भेजे हैं.
उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस मांग कि करती है कि भाजपा विधायक के फोन जब्त किए जाएं और उनके फोन की तुरंत फौरेंसिक जांच की जाएं और अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएं. उन्होंने कहा के 9 अगस्त को भाजपा विधायक के खिलाफ एफ.आई.आर. हुई है, लेकिन आज तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार में बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है. साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को भी मामला दर्ज करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि हिमाचल में बेटियां खतरे में है और भाजपा विधायक हंसराज पर उनकी पार्टी के ही बूथ अध्यक्ष की बेटी ने गंभीर आरोप लगाए है. भाजपा का पूरा परिवार हिमाचल की बेटी के साथ नहीं, अपितु अपने आरोपी विधायक के साथ खड़ा है. अब यह मामला वापस नहीं होगा. हम सरकार से मांग करेंगे कि विधायक पर आरोप लगाने वाली युवती को सुरक्षा दी जाए. इस मामले को रफा-दफा करने की बजाय तुरंत विधायक को गिरफ्तार किया जाए. बेटियों के दोषी विधायक की जगह विधानसभा में नहीं जेल में होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाली बेटी दबाव में है, लेकिन पुलिस पर क्या दबाव है? एफ.आई.आर. को दबाने से कुछ नहीं होगा. मामला दर्ज होने के बाद आरोप लगाने वाली युवती पर दबाव बनाना शुरू हुआ था.
यह है मामला
बता दें कि विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज के खिलाफ एक युवती से अश्लील चैट करने का गंभीर आरोप लगाए थे. युवती की शिकायत पर जिला के महिला थाने में मामला भी दर्ज हुआ था. युवती ने विधायक से जान का खतरा बताते हुए कई संगीन आरोप लगाए थे. एस.पी. चंबा को इस बाबत लिखित शिकायत दी थी, जिसके बाद महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज भी हुई, लेकिन इसके बाद आरोप लगाने वाली युवती अपने बयान से पलट गई. युवती ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि सोशल मीडिया और मीडिया में चलाई जा रही खबरों के बाद मेरे पिता मेरे पास आए. 8 अगस्त को विधायक हंसराज के खिलाफ उसने महिला थाना चंबा में रिपोर्ट दर्ज करवाई और 16 अगस्त को पुलिस ने मुझे कोर्ट में पेश किया, जहां मैंने बिना किसी दबाव के अपने बयान जज के सामने दर्ज करवाए है, जिसमें उसने स्पष्ट किया मेरे द्वारा विधायक पर लगाए गए सारे आरोप निराधार है तथा उसने गलतफहमी, मानसिक तनाव और बहकावे के बाद विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी.
उधर, इस मामले को लेकर चुराह के विधायक हंसराज का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं तथा यह एक राजनीतिक साजिश है और इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.
हिन्दुस्थान समाचार